शुक्रवार, 1 मार्च 2019

sur-2019-62 : #देश_के_नायक_नंदन #स्वागत_शूरवीर_अभिनंदन




My name is wing commander #Abhinandan.
My service number is.......
I am a flying Pilot
Sorry Sir! I am not supposed to tell you.

27 फरवरी 2019 को इतिहास के पन्नों पर जो इबारत लिखी विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ने वो अपने आप में अद्भुत, अकल्पनीय और अविश्वसनीय है ।

26 फरवरी 2019 महज़ एक दिन पूर्व भारत के द्वारा POK में की गई ‘गैर-सैन्य कार्यवाही’ से बौखलाया ‘पाकिस्तान’ जोश में होश गंवाकर जिस तरह से अपने शातिरपने बोले तो पीठ पर वार करने की आदत से मजबूर भारत पर बदले की नीयत से हमला करने जा रहा था उसका इस तरह से अप्रत्याशित जवाब मिलेगा उसने भी सोचा न होगा तभी तो 27 को अपने मिशन पर बिना सोचे-समझे या बोले तो फुल प्रुफ प्लान बनाये चल पड़ा था । ये जानते हुये भी कि अपने इस प्रहार से वो केवल भारत के प्रति ही ‘सीज फायर’ का उल्लंघन नहीं कर रहा था बल्कि, जिस अमरीका ने उसे आतंकवाद से निपटने F16 विमान दिये जिनका प्रयोग भारत पर नहीं करना था उस संधि का भी अपमान करने जा रहा था पर, नैतिकता से जिनका परिचय नहीं उनसे शांति और अमन की उम्मीद उनके जैसे क्यूट धूर्त ही करते है ।

इसकी नीचता तो किसी से छिपी नहीं न तो ये लिखित बातों या करार का सम्मान करता और न ही अपनी बोली गयी बातों पर ही कायम रहता तो बेहद सतर्क रहने की जरूरत ऐसे शत्रुओं से जो छिपकर वार करते है । चूंकि भारत इसकी इन हरकतों से परिचित आखिर, जन्म भी तो उसकी कोख से लिया पर, बचपन आतंक के साये में बीता तो संस्कार न मिल पाये इस भूमि के इसलिये बिगड़ैल औलाद बनकर अपने ही जन्मदाता पर हमला करता रहता है । उस दिन भी सभी जवान मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी में जुटे थे जब चालाकी से वो सैन्य अटैक करने भारत की सीमा में घुसा यहां उसका आना हुआ वहां राडार पर उनकी उपस्थिति ने भारतीय सैनिकों को संकेत देना शुरू कर दिया था फिर क्या अपने वीर सपूत ‘अभिनंदन वर्थमान’ ने उठाया Mig21 वही जो 1960 में लिया गया था जिसे ‘फ्लाइंग कोफिन’ भी कहते और जो इतना पुराना हो चुका कि केवल हम भारतीय ही उसे इस्तेमाल कर रहे पर, क्या करें पिछली सरकारों की मेहरबानी जो ये भी हमारे पास है

एक तरफ अपन जैसे लोग जो 4 या 5 साल में अपनी बाईक तक बदल देते और टी.वी. सेट हो या मोबाइल स्मार्ट व लेटेस्ट रखते पर, उनके पास चॉइस नहीं तो उसी को लेकर ‘अभिनन्दन’ उड़ चले उस दुश्मन को सबक सिखाने जो अत्याधुनिक 4th जनरेशन का विमान लेकर आया था । हमारे पास तो नेटवर्क तक 5 जनरेशन का पर, उसकी सोचो वो सेकंड जनरेशन के विमान को यूं उड़ाकर ले गया मानो ‘पुष्पक विमान’ हो और कहां दुश्मन ये सोचकर आया था कि बस, गये बम गिराया और लौटे 1 मिनट का भी समय न लगना मगर, बाप आखिर बाप ही होता तो बच्चू धरा गये पर, भीतर तो कमीनगी भरी तो सोचा जाते-जाते मिग को ही नुकसान पहुंचा दे ताकि अपने आका को कुछ तो जवाब दे सके । यहाँ भी इन्होने अपनी बेईमानी का खूब परिचय दिया जहाँ हमारी वायु सेना ने बिना सीमा का उल्लंघन किये उनके यहाँ जाकर सिर्फ आतंकी और उनके ठिकानों को ही निशाना बनाया न तो किसी सैनिक और न ही किसी सिविलियन को ही मारा पर, ये तो यहाँ भारतीय सैनिकों के और उनके ठिकानों को खत्म करने के खतरनाक इरादे के साथ आये थे । 

अब सोचो तो लगता कि ये सब विधाता ने इसलिये ही रचा शायद कि उनकी कुटिलता और हमारी अभूतपूर्व वीरता दुनिया के सामने आ सके तो वो ऐतिहासिक क्षण भी आये जब F16 के पायलेट ने अपना वार किया पर, उसके लिए ये कल्पनातीत था कि जिसे वो खटारा समझ रहा था उस मिग ने उसका ही काम तमाम कर दिया उस हादसे में ये भी चमत्कार हुआ कि हमारा पायलट तो बच गया पर, उनके पायलट को उन्हीं के स्थानीय लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला यानि, कि उनकी जमीन पर उन लोगों से घिरे होने के बाद भी ‘अभिनंदन’ ने बचकर ये साबित कर दिया कि “जाको राखे साइयां मार सके न कोय, बाल न बांका हो सके जो जग बैरी होय” ।

यहां भी उनके लिये सब कुछ आसान न था क्योंकि , उन्हें ये समझने में समय लग गया कि वे किस तरफ है जब अहसास हुआ तो बिना समय गंवाए जो भी दस्तावेज उनके पास थे उनको यथासम्भव समाप्त किया और पाक सेना द्वारा गिरफ्तार होने पर भी उनके माथे पर कोई शिकन की रेखा न उभरी अपनी सख्त ट्रेनिंग के तहत वो इस तरह की हर परिस्थिति के लिए मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार थे तो उतना ही बोले जितना बोलना था । उनकी इस कहानी का पता चलने पर हर शीश उनके इस शौर्य, साहस व दृढ़ता के सामने झुक गया और जब कल ये घोषणा हुई कि आज उन्हें ससम्मान वापस भेज दिया जायेगा तो देश भर में खुशी व उत्सव का माहौल बन गया

इस पूरे वाकये से उनके व्यक्तित्व और हमारी सेना के बहादुरों की अनगिनत बातों का पता चलता कि वे कुंदन की तरह तपकर प्रशिक्षण से निकलते, उनको दुश्मन के क्षेत्र में फंस जाने पर किस तरह से त्वरित निर्णय लेकर हालात को समझकर कदम उठाते और पेराशूट से उतरने के बाद तो शारीरिक अवस्था को नोर्मल होने में भी समय लगता उन्होंने दौड़ भी लगाई थी इसके बाद स्थिति को भांपते ही कि वे अपनी नहीं शत्रु की धरती पर उतरे तुरंत दस्तावेज मिटाये और आत्मरक्षा में शस्त्र होते हुये भी दूसरों को घायल करने की जगह हवाई फायर किये ये मानवीयता और ईमानदारी भारत भूमि का ही हिस्सा है आज सब उस रियल हीरो को देखने बेताब ‘वाघा बार्डर’ पर सुबह से ही पहुंच गए जबकि, उनके आने का समय तक किसी को पता नहीं पर उनको देखने का उत्साह इतना अधिक कि देर भी भली तो जब वे आये तब तक तो जोश हाई लेवल पर पहुंच चुका था देशभक्ति का सैलाब एक दिल से दूसरे दिल तक पहुंचकर सबको एक तार में बांध गया ये एकजुटता ही हमारा सम्बल हमारी ताकत जिसके बल पर हमारे वीर हम सबके लिए जान पर खेल जाते तो हम उनको ये ऊर्जा देते रहे, उनके मनोबल को बढ़ाते रहे यही सच्ची देशभक्ति होगी जय हिंद जय भारत वंदन अभिनंदन... 🇮🇳️ 🇮🇳️ 🇮🇳️ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
मार्च ०१, २०१९

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