शनिवार, 15 अप्रैल 2017

सुर-२०१७-१०५ : महज़ कोरी बातों से नहीं... काम करने से तस्वीर बदलेगी...!!!

साथियों... नमस्कार...



शिट, कितनी गंदगी हैं चारों तरफ...

ओ माय गॉड, ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगते ये बच्चे कुछ और क्यों नहीं करते कब ये दृश्य बदलेगा...

अरे, इन आवारा जानवरों की वजह से अक्सर,एक्सीडेंट होते-होते बच जाता, जब इनकी देख-रेख सुरक्षा कर नहीं सकते तो इन्हें पालते क्यों हैं लोग

उफ़, कितनी गर्मी हैं पेड़ कम होते जा रहे और ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही कोई कुछ करता क्यों नहीं...

धत, सड़क के बीचों-बीच शामियाना लगा सभा करने वाले भूल जाते कि सड़क आवगमन के लिए इनकी भाषणबाजी के लिए नहीं...

ओफ्फोह, सुबह से मूड ऑफ़ कर देते ये अख़बार वही सब अपराध और दुष्कर्म की घटनाओं से भरे पड़े...

ओह, ये सीरियल वाले भी न, न जाने कब सुधरेंगे वही घिसे-पिटे किस्से दिखाते रहते कुछ भी नया नहीं इनके पास...

सच, कितना खाना बर्बाद कर दिया शादी के रिसेप्शन और पार्टीज में काश, इसे बचाया जा सकता...

ऐसे न जाने कितने जुमले हम रोज किसी न किसी दृश्य को देखकर कहते लेकिन इन्हें बदलने का कोई प्रयास कभी-भी नहीं करते ऐसे में बदलाव की चाहना व्यर्थ हैं क्योंकि सब केवल बात करेंगे या सिर्फ सोचते ही रहेंगे तो इनमें परिवर्तन होने से रहा कि किसी भी तरह के परिवर्तन के लिए कोई ठोस कदम उठाना या कोई योजना बनाकर उसे अमली जामा पहनाना जरुरी वरना, रोज इसी तरह देखते-देखते आख़िरकार हम भी उसी का हिस्सा बन जायेंगे...

वो जो इस तरह की असहज परिस्थितियों को देखकर उसे सहज बनाने की कोशिश करते वही क्रांतिकारी बनते और देश के विकास में सहयोगी बनते बाकी तो केवल व्यवस्था या सत्ता को कोसते रहते और ये सोचते कि वोट देकर उनकी जिम्मेदारी खत्म जिसे चुना वही सब ठीक करेगा जो नहीं किया तो अगली दफ़ा उसकी जगह किसी दूसरे को वोट देंगे क्योंकि अपना काम तो केवल सरकार चुनना और उसका काम विकास करना जिसमें हमारी भूमिका मत देते ही समाप्त... इस तरह की सोच ने ही देश की उन्नति को रोक रखा जहां 125 करोड़ की जनता हो वहां भला चंद चुने हुए प्रतिनिधि किस तरह कोई सुधार कर पायेंगे जब तक हम सब उनके सहयोगी नहीं बनेंगे तो अब जब भी ऐसा कोई सीन नजर आये उसे अनसीन न करें न ही किसी को गाली दे बल्कि उस जगह हम क्या कर सकते ये निश्चित कर अपनी कार्यवाही को अंजाम दे... फिर देखें 'विकास' किस तरह न होता क्योंकि वो सचमुच में कोई शिशु नहीं जिसे किसी विशेष व्यक्ति के द्वारा जनम लेना हैं बल्कि ये तो एक सतत प्रक्रिया जिसमें हम सबको भागीदारी करनी हैं... :) :) :) !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

१५ अप्रैल २०१७

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