रविवार, 18 मार्च 2018

सुर-२०१८-७७ : #आई_चैत्र_शुक्ल_प्रतिपदा #लाई_नवरात्र_नववर्ष_और_गुड़ी_पड़वा


                                   
भारतीय नूतन वर्ष की शुरुआत जिस तरह कुदरत की ताल-से-ताल मिलाकर की जाती और नवरात्र पूजन, मन्त्रोंच्चारण, ध्वज लहराकर बड़े ही वैदिक तरीके से जिसका आयोजन किया जाता वैसा पूरी दुनिया में अन्यत्र नजर नहीं आता हैं हमारी हर एक परंपरा के तार एक अदृश्य शक्ति से जुड़े हुये जिसे हम ‘ईश्वर’ कहते इसलिये बेहद विधि-विधान के साथ ही नूतन शुरुआत की जाती न कि रात भर जागकर मस्ती करते हुये साल का आगाज़ किया जाता यही हमारी वो विशेषतायें जिन्होंने हमें संपूर्ण विश्व में विशिष्ट बना रखा हैं

महज़ कैलंडर पलटने या तारीख बदलने से इसका कोई संबंध नहीं बल्कि, प्रकृति में होने वाले बदलाव और नक्षत्रों व सितारों की स्थितियों से इसका निर्धारण होता इसलिये हर साल किसी नई ‘डेट’ पर हम इसे मनाते हैं हिंदू पंचांग के अनुसार हमारे मास ही नहीं दिवस व पक्ष सभी सटीक गणनाओं पर आधारित यदि इसका आंकलन करने वाले को इसकी पूर्ण रूप से समस्त जानकारी हो तो इसमें चूक की कोई संभावना नहीं होती हैं ऐसे ही जब चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि आती तो ये ‘नव संवत्सर’ के आगमन की शुभ सूचना भी अपने साथ लाती जिसे घरों में छत पर गुड़ी लगाकर पूजन, हवन, प्रवेश द्वार पर बंदनवार बांधकर सब मिलकर बड़े ही हर्षोल्लास से मनाते हैं

ये नव दिवस नव ऊर्जा से भरपूर होते जिसमें यदि हम संयम से रहकर व्रत करते हुये सात्विक तरीके से इन्हें पार करते तो आने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों के लिये अपने तन-मन को पूरी तरह से तैयार कर लेते हैं जिससे कि वो आने वाली किसी भी दैहिक, मानसिक तकलीफों का सामना बिना किसी परेशानी के कर सके इन दिनों मौसम बड़ी तेजी से बदलता जिसके कारण यदि शरीर कुदरत से सामंजस्य नहीं बिठा पाता तो किसी न किसी रोग की चपेट में आ जाता परंतु, जो इन नौ दिन नियम से रहता उसे किसी तरह की दिक्कत नहीं आती और यही तो इसका वास्तविक उद्देश्य हैं  

सभी लोग इसके मर्म को समझते हुये प्रकृति से ऊर्जा ग्रहण कर स्वयं को सबल बनाये जिससे कि ग्रीष्म ऋतू में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों को सहजता से स्वीकार कर अपने संकल्पों को पूरा कर सके न कि आलस्य या प्रमाद में पड़कर सोते ही रहे इसी सन्देश की साथ सभी मित्रों को गुडी पड़वा, सृष्टि दिवस, बासंतिक नवरात्र और भारतीय नववर्ष, विक्रम संवत २०७५ की बहुत-बहुत शुभकामनायें... ☺ ☺ ☺ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
१८ मार्च २०१८

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