शनिवार, 24 मार्च 2018

सुर-२०१८-८३ : #टी.बी._निगल_गयी_हस्तियाँ_कैसी_कैसी




२४ मार्च १८८२ को जर्मन वैज्ञानिक ‘रोबर्ट कोच’ ने टी.बी. के जिम्मेदार बैक्टीरिया ‘माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस’ की पहचान की जिसके लिये उन्हें १९०५ में ‘नोबेल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया और आज ‘विश्व क्षयरोग दिवस’ हैं जो  भारत में इस रोग के पाये जाने वाले सर्वाधिक  मरीजों को समर्पित हैं वे सभी जो इसकी वजह से नहीं रहे और वो जो इसकी वजह से आने वाले कल में तारीख बन सकते हैं क्योंकि, यह रोग इतना खतरनाक हैं कि यदि प्रारंभिक अवस्था में इस पर नियंत्रण न रखा जाये तो देखते-देखते व्यक्ति मौत को आगोश में चल जाता हैं अपने देश भारत में तो हर तीन ‍मिनट में दो मरीज क्षयरोग के कारण दम तोड़ दे‍ते हैं इसलिये इसके प्रति लोगों को जागरूक करने ही इस दिवस का आयोजन किया जाता

जिससे कि केवल रोगी ही नहीं बल्कि, उसके माध्यम से उसकी चपेट में आने वाले अन्य व्यक्तियों को भी बचाया जा सके क्योंकि, यह एक छुआछुत की बीमारी हैं जो संक्रमण से फैलती हैं यदि इसकी रोकथाम न की जाये तो देखते-देखते इसके संपर्क में आने वाले लोग भी इससे ग्रसित हो जाते हैं परंतु, ऐसा नहीं हैं कि इसकी अंतिम परिणिति मृत्यु ही हो केवल इसका पता लगते ही यदि इसका सही तरीके से उपचार किया जाये तो एक साथ कई जिंदगियों को बचाया जा सकता हैं
  
इस दिवस के बहाने किये जाने वाले जागरूकता अभियानों का नतीजा कि लोग अब इसके प्रति सचेत हो गये और इसे गंभीरता से लेने लगे हैं जो दर्शाता कि निश्चित ही एक दिन भारत पोलियोमुक्त की तरह टी.बी. मुक्त भी हो जायेगा क्योंकि, सरकार ने इसके लिये कड़े कदम उठाये हैं साथ ही वो लोग जो कहने को तो बड़ी नामचीन शख्सियतें लेकिन, कभी वे भी इसके शिकार हुये और कभी उनको भी इसकी शिकायत रही परंतु, आज इसके चंगुल से आज़ाद होकर अब दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित कर रहे हैं जो एक सार्थक कदम हैं

महानायक ‘अमिताभ बच्चन’ एक ऐसा ही नाम हैं जिन्होंने बड़ी जल्दी इसका अहसास होते ही इसको न केवल काबू किया बल्कि, आज लोगों को यही संदेश दे रहे हैं कि माना, ये बीमारी खतरनाक हैं लेकिन, यदि हमने समय पर जाँच द्वारा इसका पता लगा लिया तो फिर हम इसको हरा सकते हैं लेकिन, यदि लापरवाही की तो हम सिर्फ खुद की ही नहीं अपने आस-पास के लोगों की जान के लिये भी खतरा बन सकते हैं क्योंकि, हमारी एक खांसी या हंसी या बात के साथ निकले ‘बैक्टीरिया’ कई स्वस्थ व्यक्तियों को रोगी बना सकते हैं

इस बीमारी को यदि जड़ से खत्म न किया गया तो इसका ग्राफ़ बढ़ता ही जायेगा और न जाने कितनी प्रतिभाओं को निगल ले क्योंकि, देश-विदेश में कई बड़ी-बड़ी हस्तियाँ इसकी चपेट में आ चुकी हैं जिनमें कमला नेहरु, फ्रेंज काफ्का, खलील जिब्रान, लुईस ब्रेल, जेन ऑस्टिन, जॉन कीट्स, अन्तोन चेखव, एमिली ब्रोंट, अन्ना रूजवेल्ट, एंड्रू जैक्सन जैसी नामचीन और विश्व प्रसिद्ध शख्सियतों के नाम शामिल हैं जो दर्शाता कि ये असमय आपके अपनों और उनके सपनों को लील सकता इसलिये खुद भी जागे उनको भी जगाये... टी.बी. जैसे घातक रोग को भारत से दूर भगाये... सिर्फ़, क्षयरोग दिवस ही न मनाये... ☺ ☺ ☺ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
२४ मार्च २०१८

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