शनिवार, 31 मार्च 2018

सुर-२०१८-९० : #भक्त_मनाते_हनुमान_जन्मोत्सव




चैत्र शुक्ल पक्ष में भगवान् श्रीराम के जन्मोत्सव के बाद पूर्णिमा को उनके ही भक्त श्री हनुमान का जन्मोत्सव आता जो भगवान और भक्त की इस जोड़ी के अटूट बंधन को प्रतिवर्ष और भी प्रगाढ़ करता जाता और वैसे भी ये दो नाम इस तरह से एकाकार हो चुके हैं कि एक के बिना दूसरा अधूरा-सा प्रतीत होता जो दर्शाता कि जब कोई भक्त तन-मन से पूर्ण समर्पित होकर अपने आराध्य को ध्याता तो फिर वो उसे अपने में समेट लेता फिर हनुमान जी ने तो इस तरह से उनके सेवा की जिसकी कोई दूसरी मिसाल ही नहीं जिसके वरदानस्वरुप उन्हें अमरता ही नहीं भक्त शिरोमणि का ऐसा पद प्राप्त हुआ जिसके प्रभाव से वे स्वयं ही पारसमणि बन गये और अब उनकी साधना-उपासना कर उनके भक्त उनसे अपनी मुंहमांगी मुरादे पाते

कलयुग में उनकी जिस तरह से महत्ता प्रतिपादित की गयी वो भी उनके अनुयाईयों को उनकी तरफ आकर्षित करती और जब उनका जन्मोत्सव आता तो छटा देखते ही बनती हर तरफ उनके और उनके प्रभु के जय-जयकारों से जमीनों-आसमान गूंज जाते और प्रसाद पाकर भूखे तन-मन भी तृप्त हो जाते और लोग अगले बरस की प्रतीक्षा में लग जाते जो फिर से उनके प्यारे हनुमान का जन्मदिन लेकर आयेगा जिसके साथ उनका दामन फिर से भर जायेगा और यही तो ईश्वर भी चाहता हैं कि लोग सदैव प्रेम से मिलकर रहे जिसमें इस तरह के आयोजन सार्थक भूमिका निभाते लेकिन, इसका अहसास वही कर सकते जो इसे अंतरतम से अनुभूत करते तो ऐसी ही गहन अनुभूति से भरा एक और दिवस... श्री हनुमान जन्मोत्सव... ☺ ☺ ☺ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
३१ मार्च २०१८

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