रविवार, 1 जुलाई 2018

सुर-२०१८-१८१ : #रेप_नहीं_रिवेंज




उफ्फ, सब तरफ़ से कितनी बुरी-बुरी खबरें आ रही हैं बच्चियां पहले कोख में सुरक्षित नहीं थी पर, जैसे-तैसे बचकर आ गई तो घर हो या बाहर खतरे से खाली नहीं कानून भी तो इन अपराधियों का कुछ नहीं बिगाड़ पा रहा और जनता भी इन लगातार हो रही घटनाओं से संवेदनहीन होती जा रही हैं उस पर राजनैतिक दल हो या मानवतावादी संगठन सब अपने हिसाब से मामलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते जब तक कि उनको वो प्रकरण अपने हित का नहीं लगता हद तो ये हैं कि इसमें भी धर्म-मजहब देखा जाने लगा अब तो, किसी को भी लडकियों की चिंता नहीं भाईसाहब...

हम्म, मैं भी यही सोच रहा था कि दिल्ली वाले दर्दनाक हादसे के बाद तस्वीर बदल जानी थी लेकिन, कोई परिवर्तन नजर नहीं आता सब कुछ बदस्तूर चल रहा ऐसे में हम सबको सरकार के भरोसे न रहकर खुद ही कोई कदम उठाना होगा अन्यथा भयावहता बढ़ती जायेगी हो सकता कल को ये लोग घर में ही घुसने क्योंकि, कल जो मैंने देखा उसने मेरी रातों की नींद उड़ा दी हैं

ऐसा भी क्या देख लिया आपने भाईसाहब ‘राईमा’ ने आश्चर्य से अपने भाई से पूछा

कुछ लोगों ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर बलात्कारी का चित्र लगाकर उसे हीरो बताया और उनके अनुसार वो शेर हैं जिसने कठुआ की घटना का बदला लिया हैं

नहीं... चीख पड़ी राईमा

तुम्हें यकीन नहीं तो खुद देख लो अब ये लोग दुष्कर्म को भी बदला कहकर जस्टिफाय करेंगे और क्यों न हो इन्हें दूसरों का सपोर्ट जो हासिल पर, इस बात ने मुझे चिंता में डाल दिया कि ये लोग अब बदले के लिये भी बेटियों को माध्यम बनायेंगे और ऐसे में यदि हम चुप रहे तो कल बोलने लायक भी न रहेंगे क्योंकि, पानी अब सर के उपर निकल चुका हैं

तो अब हम क्या करेंगे ?

अपने बेटों से कहेंगे कि वो अपने दोस्तों के साथ मिलकर लडकियों की हिफ़ाजत की जिम्मेदारी ले और गली-गली शहर-शहर जाकर दूसरे लडकों को भी समझाये कि लडकियों के प्रति अपना नजरिया बदले मुझे उम्मीद हैं कि ये तरीका कारगर होगा क्योंकि, लडकों की बातें लडके समझेंगे और यदि वे बदल गये तो फिर ये भी बंद हो जायेगा इसके सिवाय दूसरा कोई उपाय नजर नहीं आता

राईमा को लगा अंततः वो तरीका मिल ही गया जिसे वो खोज रही थी  
    
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
०१ जुलाई २०१८

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