शनिवार, 7 जुलाई 2018

सुर-२०१८-१७७ : #_बुकमार्क_




जिंदगी की किताब
जिसके पन्नों के बीच कहीं दबी
भूली-बिसरी हुई इक याद
पलटे जब-भी पन्ना
तो गुज़रे पलों में पहुँच जाये
छोड़ आये जहाँ पर
अपनी उम्र का सुनहरा दौर
देखकर जब-जब उसको
चलचित्र की तरह घुम जाती
आँखों के सामने से
करने लगती अठखेलियाँ
वो मीठी स्मृतियाँ   
भूल भी जाऊं
वो पन्ना अगर कभी
पढ़ते-पढ़ते जिसे
जीवन के सफ़र के दरम्यान 
कभी झपक गयी आँख
या कभी आ गया कोई काम
तो याद दिलाते उसे
ये मेरा प्यारा 'बुक मार्क' ।।

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
०७ जुलाई २०१८

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