साथियों... नमस्कार...
अरे वाह... नेताजी आज तो अख़बार में आपका अच्छा
वाला फोटो निकला और ऊपर बड़े-बड़े अक्षरों में आपके भाषण की लाइन भी छपी कि, दूसरे
के धर्म में शादी करने से धर्म भ्रष्ट हो जाता हैं और जो आप रोज यहां आते उससे
कोनऊ फर्क नहीं पड़ता जबकि हमारा मज़हब आपसे जुदा तो बेशर्मी से हंसकर आँख मारते
हुये नेताजी बोले, वो
तो शादी करने से होता न यहाँ आने से नहीं और ऐसा कहकर उन्होंने उसे सीने से लगा
लिया तो ये बात सुनकर वो सोचने लगी हमारे यहां हर जात और हर धर्म के मानने वाले
आते पर, किसी
का भी धर्म भ्रष्ट नहीं होता पर, जब बात शादी की आती तो न जाने कैसे धर्म भ्रष्ट
हो जाता ।
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© ® सुश्री
इंदु सिंह “इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
१६ अप्रैल २०१७
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