हम दोनों के
दरम्यां
'कश्मीर'
से लेकर
'कन्याकुमारी'
तक की दूरी हैं
और मेरी ये
ज़िंदगी
तेरे बिन अधूरी
हैं
फिर भी जब कभी
कहीं पर भी
लिखी हुई
पढ़ती हूँ ये
बात कि
'कश्मीर से लेकर
कन्याकुमारी तक
भारत एक हैं'
तो खुद को
तुम्हारी दुनिया का
हिस्सा पाकर
खुश हो जाती हूँ
ख्यालों में ही
सही
तुम्हें अपने
करीब पाती हूँ
फिर....
हम दोनों के
दरम्यां
दूरी नहीं होती
दूर होकर भी
सच....।।
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© ® सुश्री इंदु
सिंह “इन्दुश्री’
नरसिंहपुर
(म.प्र.)
२८ मार्च २०१८
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