बुधवार, 3 फ़रवरी 2016

सुर-३९९ : "चिंतन : ‘जिंदगी मेरी तो... फैसला भी मेरा होना चाहिये न...!!!”


दोस्तों...

___//\\___

अपूर्वाके सामने आज जो स्थिति आ गयी थी ऐसा सबके साथ नहीं होता ये एक बड़ी ही असामान्य और दुविधापूर्ण घड़ी थी जिसने उसे गहन सोच में डाल दिया था कि आज से दस साल पहले उसकी शादी नरेनसे हुई थी जो सेना में काम करता था पर, एक दिन अचानक उसके मौत की खबर आई जिसने उसे पूरी तरह तोड़ दिया था क्योंकि शादी को केवल एक महिना ही तो हुआ था ऐसे में दो साल बाद उसके परिवार वालों ने उसका दूसरा ब्याह कर दिया पर, तकदीर ने अजब खेल खेला और आज नरेनको फिर उसके सामने लाकर खड़ा कर दिया जहाँ उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो किस तरह इस जटिल समस्या को हल करे इसमें उसकी क्या गलती थी ?

ऐसे में जब नरेनने पंचायत के सामने उस पर अपना दावा प्रस्तुत किया तो हमेशा चुप रहकर सबकी बात मानने वाली अपूर्वाये क्या कह बैठी---

●●●--------  
पुलिस तो
फिर भी अपने मुजरिम की
हथकड़ी थामकर
उसके साथ-साथ चलती हैं ।

एक तुम हो
जिसने हाथों में चूड़ियों
और पैरों में पाजेब की जंजीर
बाँध तो दी पर,
छोड़कर अकेले राह में
चले गये
फिर जब किसी ने
लावारिस सम्पति समझकर
अपना बना लिया तो
चले आये हक जमाने
समझ नहीं आता कि
बेचारी नारी किस जुर्म की
सज़ा काट रही सदियों से
ये रब की अदालत भी
दुनियाबी हिसाब-किताब से चल रही
तारीख पर तारीख दिये जा रही
लेकिन उसके हुकुक और अधिकार
उसे ही देने से घबरा रही ।

ये दुनिया हो
या वो उपरवाले की
नारी तो हर जगह सिर्फ
अप्सरा की तरह मन बहलाव का
एक साधन मात्र हैं क्या नहीं ?
-------------------------------------●●●

किसी के पास भी उसके सवालों का जवाब नहीं था कि ऐसी परिस्थति में जबकि उसका तलाक नहीं हुआ तो पहला विवाह अमान्य नहीं माना जा सकता लेकिन दूसरा भी तो रीति-रिवाज के साथ हुआ था तो उसे भी तो नकारा नहीं जा सकता था लेकिन अब समय बदल चुका हैं... ये वो स्त्री नहीं रही जिसे उसकी मर्जी के बिना ही किसी के भी हाथों सौप दिया जाता था तो ऐसे में उसके प्रश्नों के जवाब दिये बिना ही कोई फ़ैसला नहीं दिया जा सकता अतः पंच परमेश्वर को चुप हो जाना पड़ा और अपूर्वातय कर चुकी थी कि उसकी जिंदगी का फैसला कोई और नहीं बल्कि वो खुद लेगी कि जीवन तो उसे ही गुज़ारना इन गद्दी पर बैठे तथाकथित न्याय के रखवालों को नहीं जो कभी धर्म तो कभी समाज के नाम पर उसे छलते रहते इस सोच ने उसका खोया आत्मविश्वास लौटा दिया ।  
__________________________________________________
०३ फरवरी २०१८
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
●--------------●------------●

कोई टिप्पणी नहीं: