गुरुवार, 16 मई 2019

सुर-२०१९-१३६ : #काल_पुरुष




सारा जग जीत ले कोई
या फिर कर ले फ़तह कोई साम्राज्य
समेट ले मुट्ठी में सारा जहाँ
या फहरा दे परचम सबसे ऊंची चोटी पर
हो चाहे वो त्रिलोकी ‘रावण’
या विश्व विजेता बनने निकला ‘सिकंदर’
या विजयी सम्राट ‘अशोक’
आये बड़े-बड़े सूरमा
मगर, मिल गये
सब के सब ख़ाक में
जब तक जिये
इस भरम में रहे कि
शेष न रहा जीतना कुछ भी
पर, क्या वो सत्य था
या महज़ वहम?
कि,  
सारा इतिहास
सारे बड़े-बड़े ग्रन्थ
खंगालने के बाद
यही पाया है
अब तक भी न हुआ  
एक भी ऐसा
जिसने पराजित किया हो
‘काल’ को
और पलट दिया हो
‘समय-चक्र’ को  
बस, एकमात्र वही तो है
जो अपराजेय था
आज भी है
और, रहेगा... ‘हमेशा’ !!!

#No_one_can_win_time
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© ® सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
मई १६, २०१९


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