रविवार, 5 मई 2019

सुर-२०१९-१२५ : #कार्टून_महज़_व्यंग्य_नहीं #जसम_सामयिक_मुद्दों_का_चित्रांकन_है




अखबार में बड़ी-बड़ी खबरों की चमक फीकी पड़ जाती जब कोने में छपा कार्टून उसी मसले को कम शब्दों में अधिक असरकारक तरीके से अभिव्यक्त कर देता है । यही वजह कि यदि किसी न्यूज़ पेपर में किसी मशहूर कार्टूनिस्ट के बनाये कार्टून छपते है तो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र वही होता है । हमारे देश में ऐसे भी कार्टूनिस्ट हुये जिनकी प्रसिद्धि अखबार से अधिक थी या यूं कह सकते कि उनके बनाये कार्टून छापने के कारण ही उन समाचार पत्रों को लोकप्रियता हासिल हुई । इसलिये उन्होंने भी उसे मुखपृष्ठ पर स्थान दिया यहां तक कि एक स्थिति ये भी आई कि वे उस अखबार के पर्याय बन गये ।

ऐसे में लोगों को कार्टून की महत्ता समझ आई कि ये महज़ दो-चार आड़ी-तिरछी रेखाओं या कला का प्रदर्शन नहीं बल्कि, सम-सामयिक मुद्दों को आम आदमी के नजरिये और सोच के साथ सहज-सरल भाषा में दर्शा पाना ही इसका मुख्य आधार है । तब इस विधा ही नहीं इसे अपनाने वाले कार्टूनिस्ट्स को भी सम्मान मिलने लगा जिसने अन्य लोगों को भी इस क्षेत्र में आने प्रेरित किया । फिर 5 मई को उन सभी कार्टूनिस्ट्स को उनकी अनूठी सोच व उनकी अद्भुत कलाकारी के लिये मान-सम्मान देने हेतु 'कार्टूनिस्ट दिवस' मनाने का निश्चय किया गया । जो हमें उनके बनाये उन कार्टून्स की याद दिलाती जिसने कभी हमारे होंठों पर मुस्कान की आभा बिखेरी थी ।

आज भी ऐसे अनेक कार्टूनिस्ट जो बखूबी इस काम को अंजाम दे रहे और करेंट अफेयर्स पर अपनी तीखी कलम से वर्तमान के ज्वलंत विषयों पर ऐसा तीखा प्रहार करते है । ये सहज हास्य-व्यंग्य के साथ-साथ सत्तासीन अधिकारियों को उनके किये का चुटीला अहसास भी करा देते तभी तो कार्टून हर अखबार की जान होते है । आज उन समस्त कार्टूनिस्ट्स को उनके इस खास दिवस पर बधाई व शुभकामनाएं जो निःस्वार्थ भाव से निष्पक्षता के साथ केवल अपनी नहीं जनमानस के मन की बात को करोड़ों लोगों के समक्ष रखते है ।

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© ® सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
मई ०५, २०१९

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