मंगलवार, 6 फ़रवरी 2018

सुर-२०१८-३७ : #ऋतू_बसंत_आई


मौसम ने ली अंगड़ाई
वसुधा ने ओढ़ी पीली चादर
और, चली बसंती बयार
तो झूमकर ऋतू बसंत आई...

फूले पलाश-टेसू
सरसों भी खिल मुस्काई
बोले पपीहा-कोयल
अमिया भी गई बौराई
तो झूमकर बसंत ऋतु आई...

कुदरत की ये छटा
तन-मन में हर्ष अपार लाई
देख कर ये सुंदरता
कली-कली खिलखिलाई
तो झूमकर बसंत ऋतु आई...

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
०६ फरवरी २०१८


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