भारतीय
‘संविधान’ और ‘डॉ भीमराव अम्बेडकर’ इस तरह से एक-दूसरे के पर्यायवाची बन चुके हैं
कि एक के साथ दूजे का नाम स्वतः ही जेहन में आ जाता हैं क्योंकि, जब १५ अगस्त १९४७
में भारत की स्वतंत्रता के बाद ‘अम्बेडकरजी’ को देश का पहला कानून मंत्री बनाया
गया तब ये निर्णय लिया गया कि देश का अपना एक व्यक्तिगत संविधान होना चाहिये तो १९
अगस्त १९४७ को उनको स्वतंत्र भारत के नए संविधान की रचना के लिए बनी संविधान मसौदा
समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया तब उन्होंने अथक मेहनत-परिश्रम व
धैर्यपूर्वक लगन के साथ अपने दल के साथ मिलकर २ वर्ष, ११ माह, १८ दिन में कुल
१६६ दिन बैठक कर संविधान तैयार किया जिसके कारण उनको संविधान का निर्माता कहा जाता
हैं और ये एक ऐसा अभूतपूर्व कार्य उनके द्वारा किया गया जिसके लिये उनके योगदान को
भूला पाना मुमकिन नहीं हैं आज उनकी जयंती पर उनको प्रणाम... ☺ ☺ ☺ !!!
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© ® सुश्री इंदु
सिंह “इन्दुश्री’
नरसिंहपुर
(म.प्र.)
१४ अप्रैल २०१८
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