रविवार, 15 अप्रैल 2018

सुर-२०१८-१०५ : #लघुकथा_कंडीशनल_विरोध




अक्षिता, ये ले इसे पकड़ और जल्दी से एक फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर लगा दे

पहले ये तो दिखा क्या हैं ये ऐसा कहकर उसने उर्मिला के हाथों से वो पोस्टर छीन लिया जिसमें पीड़ित बच्ची के नाम व चित्र के साथ न्याय की मांग करते हुये देवस्थान को टारगेट किया गया था उसने पूछा, इसे लगाना जरूरी हैं क्या?

अपना टैब उसके सामने करते हुए बड़े गर्व से कहा, अरे, बेहद जरूरी ये देख बॉलीवुड की सभी बड़ी अभिनेत्रियों ने इसे हाथ में लेकर अपनी पिक लगाई और सब बड़े लोग ऐसा कर रहे अब देखना जस्टिस मिलकर रहेगा

हल्की मुस्कुराहट से उसने कहा, अच्छा जिस तरह #MeToo, #NotMyName, #Padman जैसे अभियानों से एक वर्ग विशेष को लाभ मिला वैसे ही तो करो तुम सब एक मेरे न करने से क्या फर्क पड़ेगा

उर्मिला ने जाते हुए तल्खी से कहा, जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनका भी अपराध

फिर तो इन लोगों को जरूर सोचना चाहिये कि, इनका नाम कहाँ आयेगा?

उसने मुड़कर देखा और चली गयी ।

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
१५ अप्रैल २०१८

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