गुरुवार, 13 जून 2019

सुर-२०१९-१६३ : #एक_मुहिम_इंसानियत_के_नाम #न_देखे_अपराधी_की_जात_और_पात



पीड़िता व अपराधी का वर्गीकरण रोकने मातृशक्ति द्वारा ज्ञापन दिया गया

वर्तमान में सोशल मीडिया खबरों का एक सशक्त माध्यम हैं जो कि सत्ता परिवर्तन तक में अहम भूमिका निभा रहा है और इस पर सकारात्मक ही नहीं नकारात्मक तरीके से भी समाचारों को वायरल किया जा रहा हैं । कुछ दिनों से तो एक नया ट्रेंड देखने में आ रहा जहां एक तरफ बच्चियों के साथ होने वाली दरिंदगी से समस्त समाज वर्ग विशेष तौर पर मातृशक्ति आहत है । वहीं दूसरी तरफ ऐसा भी कुछ घटित हो रहा है जो देश को एक बार पुनः दो वर्गों में बांटने की साज़िश की तरफ संकेत कर रहा है जिस पर सभी ने गौर किया होगा लेकिन, इसके दुष्परिणामों पर विचार नहीं किया होगा । सोशल मीडिया पर कुछ षड्यंत्रकारी पीड़ित बच्चियों का धर्म देखकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे यदि वो ‘हिन्दू वर्ग’ से सम्बन्धित है तो ‘मुस्लिम समुदाय’ और यदि ‘मुस्लिम समाज’ से जुड़ी है तो ‘हिन्दू वर्ग’ के द्वारा अपनी पोस्ट के माध्यम से उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है । ये देखते हुए मेरे गृहनगर नरसिंहपुर जिले की जागरूक नारी शक्ति ने ये निर्णय लिया कि इसके खिलाफ मोर्चा बुलन्द किया जाये अन्यथा किसी दिन गृहयुद्ध की स्थिति निर्मित हो सकती है । इस उद्देश्य से गाडरवारा की समाज सेविका आश्रिता पाठक, महिला पतंजलि योग समिति की तहसील प्रभारी के रूप में स्वयं मैं सुश्री इंदु सिंह और मेरी सहयोगी तहसील महामंत्री श्रीमती मंजू श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष श्रीमती सुनीता राजपूत, योग शिक्षिका भारती कौरव तथा अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं में बाबू भाई पटेल, शशिकांत मिश्रा, श्रीमती भागवती, प्रीति रैकवार व एक नन्ही-सी बच्ची ‘सौम्या धुर्वे’ ने जिले के ‘कलेक्टर महोदय’ व ‘पुलिस अधीक्षक’ को इस संबंध में संज्ञान लेते हुये कानूनी कार्यवाही करने हेतु एक ज्ञापन सौंपा ।

मैं उम्मीद करती हूँ कि हम सभी अपने-अपने शहरों में इस तरह का अभियान चलाये और मानवीयता की अलख जगाये क्योंकि, बच्चियां किसी समुदाय विशेष की नहीं सबकी सांझी होती जो अब स्वार्थ पूर्ति हेतु राजनीति का मोहरा बनाई जा रही इसे रोकने का एकमात्र तरीका जागरूकता फैलाना है जिससे कि वे लोग जो अब तक इससे अपरिचित वे भी समझे कि देश में ऐसी मानसिकता भी पनप रही जो अपराधियों को धर्म या मजहब के नाम पर प्रश्रय दे रही इससे तो उनके हौंसले बढ़ेंगे जिसे अब तोड़ने ही नहीं समूल नष्ट करने का वक़्त आ गया है यदि इस घटिया साजिश पर अभी लगाम नहीं लगाई गयी तो भविष्य में स्थितियां बेहद भयावह होंगी क्योंकि, लोगों को पीड़िता को न्याय मिलने से अधिक अपराधी से सहानुभूति होती जो समाज के लिये घातक है । इस तरह से हम जमीनी स्तर पर भी अपनी सोच को विस्तार दे पायेंगे जो कि लिखने से अधिक कारगर होगा और इसका जितना अधिक प्रचार-प्रसार होगा उतना ही ये अपने उद्देश्य में सफल होगा । बहुत-सी समस्यायें ऐसी होती जो शुरुआत में हमें इतनी मुश्किल प्रतीत नहीं होती हम ये सोचकर चलते कि सब कुछ हमारे हाथ में जब चाहे इस पर नियंत्रण कर लेंगे लेकिन, एक दिन पाते कि वो ररक्तबीज की तरह असाध्य बन चुकी होती है । हमारे इतिहास में भी ऐसी अनेकानेक घटनाओं का उल्लेख फिर भी हमें है कि जब तक पानी सर के उपर से न गुजर जाये सचेत नहीं होते जिसका नतीजा कि भले हम खुद को बचा ले मगर, संवेदनाओं को खो देते फिर हादसे भी हमें उतने खौफनाक नहीं लगते है । यदि इसी तरह से ये सब चलता रहा तो इसे देखते-सुनते हम इसके इतने अभ्यस्त हो जायेंगे कि फिर कोई घटना, कोई भी अपराध हमें उस तरह से आक्रोशित नहीं करेगा जैसा कि प्रारंभ में कर रहा था । हमने ये प्रयास किया जिसका मीडिया में भी सकारात्मक प्रतिसाद मिला तो लगा कि नेक काम में सब सहयोगी बनते केवल, आगे आने की जरूरत है ।

अपनी संवेदनाओं को बचाने, मरती इंसानियत को जिलाने और राष्ट्र को पुनः धर्म या मजहब के आधार पर बाँटने से बचाने का यही एक तरीका कि हम ऐसी हर एक घटना पर केवल लिखे या बोले नहीं कोई सकारात्मक कदम भी उठाये भले उसका उतना प्रभाव नहीं पड़े जैसा हमें अपेक्षित लेकिन, ये छोटे-छोटे वार ही एक दिन असंभव लगने वाली नफरत की दीवार को ढहायेंगे ये विश्वास ही हमें कामयाबी दिलायेगा... तो सब जहाँ हैं वहीं से एक कदम बढाये मंजिल खुद चलकर हमारे पास आ जायेगी क्योंकि, आरम्भ ही जीत का मन्त्र है ।

#कानून_ले_संज्ञान_अपराधी_न_हिन्दू_न_मुसलमान
#सोशल_मीडिया_को_बनाओ_हथियार_भेदभाव_पर_करो_वार        
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© ® सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
जून १३, २०१९

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