सबके होंठों पर
खिली रहे
मुस्कान सदा
आंखों में सजे
सपने
पूरी हो दिल की
हर ख्वाहिश
चाहे जो भी
कीमत
उसके लिये करनी
पड़े अदा
कभी करें ओवर
टाइम
तो कभी अपने
अरमानों को
बच्चों की
इच्छा खातिर
भूला देता है
पिता
सोचता नहीं कभी
खुद को
विशलिस्ट में
अपनी
डिमांड्स अपनों
की रखता
जाये कभी कहीं
भी तो
कानों में
गूंजे हमेशा
पीछे छूटी
तोतली आवाज़
महसूस होता यूं
कि,
सीने में धड़कने
वाला दिल
घर के किसी
कोने में ही रह गया
दूर रहकर भी वो
अपनों से नहीं
होता जुदा
जताता नहीं फिर
भी
प्यार कितना
भीतर भरा
खामोश रहकर वो
हर फर्ज अपना
करें पूरा
‘माँ’ अगर, ममता
तो
सुरक्षा कवच
होता है ‘पिता’ ।।
#पितृ_दिवस_की_बधाई
#Happy_Fathers_Day
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© ® सुश्री इंदु
सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर
(म.प्र.)
जून १६, २०१९
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