रविवार, 27 मई 2018

सुर-२०८-१४७ : #प्रेम_न_बने_जुनून



'प्रेम'
बन जाये अगर
जुनून
सामान्य से हो जाये
आसामान्य
तो वो सनकीपन
एक पल में ही बना देता
प्रेमी को खूनी
जरूरी नहीं कि
फिर वो जान ही ले
किसी दूसरे की
कभी-कभी खुद के लिये
तो कभी परायों या
फिर कभी अपनों के सपनों
या राह में आते किसी भी
अंजान के लिये भी
घातक बन जाता ।।

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
२७ मई २०१८

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