शनिवार, 10 नवंबर 2018

सुर-२०१८-३१० : #लघुकथा_नॉन_वेजी_संवेदनाएं




नेताजी ने अपने पी.आर.ओ. को हिदायत देते हुये कहा कि, सभी रिपोर्टर्स को आज शाम की प्रेस कांफ्रेंस कम डिनर पार्टी में आमंत्रित करते समय बीफ/कबाब का विशेष तौर पर उल्लेख कर देना फिर देखना कैसे दौड़े-दौड़े आते है और हां, ध्यान देना एक भी कार्यकर्ता या पार्टी का कोई भी वरिष्ठ/कनिष्ठ मंत्री छूट न जाये ।

शाम को नेताजी के बुलावे पर सब उस बड़े हॉल में एकत्रित हुये जहां सारा ताम-झाम था बकायदा डिनर टेबल पर खाने-पीने का हर सामान मौजूद था सब अपनी-अपनी जगह पर बैठकर नेताजी की तरफ देखने लगे ये जानने के लिये कि आखिर, आज इस तरह मीटिंग में बुलाने का उद्देश्य क्या है ।

“बाघिन अवनि को मारा जाना निहायत ही गलत काम है यदि इस तरह से बंदूक के जोर पर निरीह जानवरों को मारा गया तो एक दिन जानवर बचेंगे ही नहीं इसलिये हम इसका तीव्र विरोध करते है  वास्तव में देखा जाये तो आदमखोर वो नहीं ये सरकार है अतः हम सब मिलकर सरकार के ख़िलाफ़ एक आंदोलन भी करेंगे और उन्हें चेतायेंगे कि इस तरह की संवेदनहीनता देश के लिये कितनी घातक है” कबाब को मुंह से नोचते हुये मंत्री महोदय ने बड़ी घृणा से ये बात कही

उनके साथियों ने भी नॉन-वेज भोज का चटकारा लेते हुये चिल्लाकर उनकी बात का अनुमोदन किया “हम सब आपके साथ है” ।

कांफ्रेंस समाप्ति के बाद सारी टेबल पर बची हुई हड्डियों का ढेर शेष था ।

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
१० नवंबर २०१८

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