तुम किसी के
साथ लिव-इन में रही हो क्या?
इससे क्या फर्क
पड़ता है...
पड़ता होगा तभी
तो पूछा...
और तुम बताओ
तुम नहीं रहे क्या?
हम तो जहाँ
पले-बढ़े वही पढ़े-लिखे और वहीं जॉब लगी तो कभी ऐसी नौबत ही न आई ।
ओह, लिव-इन का लड्डू खाने नहीं मिला तो स्वाद पूछते
फिर रहे तो झूठ नहीं कहूंगी हां रही हूं 2 साल जब चेन्नई में जॉब करती थी और 1 साल
बैंगलोर जॉब के समय ।
वो रिश्ते टूटे
क्यों?
क्योंकि,
वो रिश्ते नहीं कॉन्ट्रैक्ट थे ।
तो, फिर रिश्ते में बंधना चाहोगी या आगे भी किसी कॉन्ट्रैक्ट
का इरादा है ।
हम्म, गुड क्वेश्चन दो असफल लिव-इन के बाद यही सोचती
हूँ कि अब कोई परमानेंट व्यवस्था होनी तो चाहिए ।
फिर मैं इस
रिश्ते के लिये तुम्हारी हां समझूँ...
पहले ये बताओ
लिव-इन वाला सवाल क्यों पूछा जबकि, जानते कि आजकल
तो ये सब कॉमन गर, मैं झूठ बोल
देती तो कैसे जानते ।
भले न जानता पर,
शादी न करता क्योंकि सच की तलाश में निकला था जो
अब तक देखी लड़कियों में सिर्फ तुम्हारे पास मिला और प्रॉब्लम लिव-इन से नहीं झूठ
से है जो कभी-भी किसी रिश्ते की बुनियाद नहीं हो सकता ।
उसे महसूस हुआ वाकई,
‘सच’ पारसमणि होता जिसने उसे भी सोना बना दिया बचपन से सीखे एक सबक को गांठ बांधकर
चलने से ऐसा सिला मिलेगा उसने कभी सोचा न था ।
आज वो मान गई
कि आनेस्टी बेस्ट पालिसी होती है जिसकी किश्त यदि रेगुलर भरी जाये तो शानदार
रिटर्न मिलता है ।
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© ® सुश्री इंदु
सिंह “इन्दुश्री’
नरसिंहपुर
(म.प्र.)
२८ नवंबर २०१८
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