फ़िल्म बॉर्डर
में एक दृश्य है कि एक फौजी के घर से उसके नाम एक पत्र आता है । जिसमें घर-परिवार
के बुरे हाल-चाल और दुर्दशा का वर्णन है पर, हर बुरी, दुख भरी ख़बर के
साथ एक जुमला जुड़ा होता है... 'बाकी सब ठीक है'
।
इसे देखकर लगता
है कि, हमारे देश में हर जगह, हर किसी के घर-परिवार में हालात, परिस्थितियां और इतनी सारी मुश्किलात है । इसके
बावजूद भी हम धैर्य रखने के लिये कहते है कि, बाकी सब ठीक है ।
ये अलग बात है
कि हक़ीक़त हम सब ही जानते है मगर, ये शब्द थोड़ी
राहत देते है और मन के किसी कोने में एक एहसास कि यदि इतना कुछ खराब है गलत है तो
भी कुछ ऐसा शेष है जो अभी भी ठीक है उसी की तलाश करनी है जिससे हम हर तकलीफ,
दुख, दर्द
को सहन करते हुये कह सके कि, “बाकी... सब ठीक है” ।
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© ® सुश्री इंदु
सिंह “इन्दुश्री’
नरसिंहपुर
(म.प्र.)
२५ नवंबर २०१८
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