सोमवार, 12 नवंबर 2018

सुर-२०१८-३१२ : #पक्षियों_में_गहन_रुचि #बना_गई_बर्ड_मैन_सालिम_अली




कभी-कभी कोई छोटी-सी घटना या वाकया आगे आने जीवन की पूरी दिशा ही नहीं उद्देश्य और मंज़िल ही बदल देती है तब व्यक्ति को अपने जन्म का वास्तविक लक्ष्य ज्ञात होता है और वो जो अब तक यूं ही सामान्य या सबकी तरह जीवन जी रहा था एकदम से भीड़ से अलग दिखाई देने लगता है । यही वो एक पल या क्षण होता जिसका सबको इंतज़ार होता कि वो ये जान पाये कि वे दुनिया में क्यों आया है पर, अपने सवालों का जवाब सबको नहीं मिलता पर, जिन्हें मिल जाता फिर यदि वो उसके मुताबिक खुद को ढाल लेते तो फिर इतिहास रच देते है क्योंकि, उनको इसी काज के लिये तो यहां बुलाया गया जो हर साधारण व्यक्ति के वश की बात नहीं इसलिये सबको मौका मिलने पर भी कोई ही उसका फायदा उठाता है बाकी तो अपने इस दुनिया में आने के मन्तव्य की खोज में सारा जीवन भटकते ही रहते है ।

‘सालिम अली’ भी बचपन में दूसरे बालकों की तरह ही खेलकूद, मस्ती में लगे रहते यहां तक कि गन या गुलेल लेकर परिंदों का शिकार भी कर डालते तब उन्हें भी न पता था कि एक दिन आयेगा जब वे इन्हीं पक्षियों के लिए मसीहा बन जायेंगे उनके लिये पूरा जीवन समर्पित कर ‘भारत के बर्ड मैन’ कहलायेंगे । एक दिन शिकार में एक गोरैया को यूँ ही मार गिराने पर जब उसे नजदीक से देखा तो हैरान रह गये कि ये कोई सामान्य घरेलू चिरैया नहीं बल्कि, विशेष थी जिसकी गर्दन पर सुनहरी पट्टी थी उसे देखकर उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ तो उसके बारे में जानने उत्सुक हो उठे जिसका जवाब उन्हें अपने आस-पास तो नहीं मिला पर, ये जिज्ञासा उनको मुंबई की नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के सचिव डब्ल्यू. एस. मिलार्ड के पास ले गई । किस्मत में उनके यह मुलाकात लिखी थी जो ऊनके भावी जीवन की दिशा टी करने वाली थी तो वे वहां गये जहाँ जाकर उन्हें पहली बार ये पता चला कि पक्षियों की बहुत सारी प्रजातियाँ होती है । तब उनके मन में उन सबके बारे में सब कुछ जानने की इच्छा उत्पन्न हुई तो उन्होंने अपनी ये मनोकामना मिलार्ड की बताई जिसमें उन्होंने उनकी बहुत मदद की । उन्होंने पहले तो सालिम को सोसाइटी के पक्षियों के संग्रह की समस्त जानकारी दी उसके अलावा पक्षियों से संबंधित कुछ पुस्तकों के बारे में बताने के साथ ही ‘एडवर्ड हैमिल्टन ऐटकेन’ लिखित एक पुस्तक 'कॉमन बर्ड्स ऑफ़ बॉम्बे' भी दी जिसने उनको पक्षियों के संग्रह हेतु प्रेरित किया ।

यहाँ से उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर परिंदों के प्रति अपना तमाम जीवन समर्पित करने का फैसला करते हुये उस राह की तरफ अपने कदम बढ़ा दिये जिसकी बदौलत वे इतने बड़े पक्षी विशेषज्ञ बन गये कि उन्हें अपने जीवन काल में ही पक्षियों का चलता-फिरता विश्वकोष और ‘भारत का बर्ड मैन’ तक कहा जाने लगा था उन्होंने उनके सरंक्षण हेतु भी कई कार्य किये और अनेक किताबों की भी रचना की तो उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये सरकार ने उन्हें पद्मश्री व पदमभूषण सम्मान से विभूषित भी किया और इसके अतिरिक्त भी उनकी झोली अनगिनत पुरस्कारों से भरी हुई है । आज ऐसी विलक्षण प्रतिभा और समाज सेवक का जन्मदिन है जो हमें याद दिलाता कि जब हम आये दिन जानवरों या पक्षियों की दुर्दशा देखकर भी नहीं जागते या सोचते वहां एक व्यक्ति ने इस तरह से खुद को बदल लिया कि पक्षियों के विशेषज्ञ बन गये ।

आज जयंती ‘डॉ सालिम अली’ की जयंती पर उनको शत-शत नमन... ☺ ☺ ☺ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
१२ नवंबर २०१८

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