गुरुवार, 1 नवंबर 2018

सुर-२०१८-२९२ : #रह_नहीं_सकते_जिनसे_दूर #वो_है_मध्यप्रदेश_और_नरसिंहपुर



भारत के नक्शे में हृदयस्थल पर ‘मध्यप्रदेश’ ने अपनी जगह बनाई तो उसके दिल में ‘नरसिंहपुर’ बसा और आज वो महत्वपूर्ण दिवस जब इन दोनों का हेप्पी बर्थ डे सेलिब्रेट किया जा रहा और हमारा सौभाग्य कि हमारा इन दोनों से ही एक दिली रिश्ता जिसकी वजह से इनसे एक जुड़ाव महसूस होता और यहाँ की प्राकृतिक सम्पदा व ऐतिहासिक स्थल इसे मानचित्र ही नहीं इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाते

जो हम सबके लिये गर्व की बात कि, एक ही धरा और एक ही आकाश के तले रहने पर भी कदम-कदम पर इसका अहसास बदल जाता तभी तो जो व्यक्ति जहाँ जन्म लेता वो वहां की मिटटी से अपनी मिटटी का खिंचाव महसूस करता और यूँ भले कहीं भी रहे पर, अंत समय में जहाज के पंछी की तरह वापस उसी जगह पर जाना चाहता जहाँ उसने आँखें खोली उसके जीवन ने परवाज भरी

वास्तव में देखें तो समझ में आता कि, ये असर होता प्रकृति का जिससे सिर्फ वही नहीं हम सब भी बने तो आपस में हमारा ऐसा रिश्ता होना एक तरह से वैसा ही है जैसा अपने पालक के साथ हमारा होता है जो हमें जन्म देते पर, जिस जगह हम जन्म लेते वो भी हमारी पालक ही होती इसलिये जब उसका जन्मदिन आये तो हम किस तरह उसे बधाई दिये बिना रह सकते

वैसे भी आज तो ये ख़ुशी दुगुनी क्योंकि, एक साथ उन दो ख़ास स्थलों का जन्मदिवस जिनसे हमारा वजूद कायम है जिनकी वजह से हम है न कि हमारी वजह से वो भले ही एक-दूजे बिना दोनों अधूरे हो फिर भी यदि किसी की महत्ता का आंकलन करना हो तो फिर वो माटी सबसे महत्वपूर्ण होगी जिसे हमारा निर्माण हुआ जिसके अन्न, जल और परिवेश में रहकर हमने जीना सीखा तो हमारे लिये ये भूमिका इन दोनों ने निभाई जिसके बाहर जाकर भी मन यही घूमता रहता

आखिर, अपनी नाभि से जुदा होना इतना आसान भी तो नहीं चाहे जितना भी हम ये समझे कि हम इससे पृथक होकर जी सकते और जीवन का कुछ हिस्सा हम उससे विलग होकर भी बिताते लेकिन, कहीं भीतर उसकी पुकार को भी सुनते रहते जिसे लगातार नजरअंदाज करने के बावजूद भी अंततः जब उसकी आगोश में आते तब ही सुकून पाते है बिल्कुल, उसी तरह जिस तरह अपनी माँ की गोद में आकर सारे जहान की फ़िक्र-चिंता भूलाकर मीठी नींद में खो जाते है

दरअसल ये जादू होता है उस कशिश का जो आत्मा से आत्मा का होता याने कि सूक्ष्म का रिश्ता जिसे न तो अभिव्यक्त कर पाना आसान और न ही जिससे जुदा होकर ही रह पाना सम्भव ऐसे अपने उस आत्मिक साथियों को आज स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनायें... हेप्पी बर्थ डे टू... ‘मध्यप्रदेश’ एंड ‘नरसिंहपुर’... ☺ ☺ ☺ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
०१ नवंबर २०१८

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