शुक्रवार, 23 नवंबर 2018

सुर-२०१८-३२३ : #कार्तिक_पूर्णिमा_देव_दीपावली #लेकर_आई_गुरु_नानक_देव_जयंती




पूर्णिमा के साथ ही पुण्यदायी कार्तिक मास का समापन होता और इसी पावन दिवस पर सिखों के प्रथम गुरु नानक देवजी की जयंती का परम पावन प्रकाश पर्व भी मनाया जाता और हम आज के दिन उनका पुण्य स्मरण ही नहीं करते बल्कि, उनकी सीखों को भी दोहराते जिसे वो हमारा जीवन सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिये हमें देकर गये

हम सबकी एक कमी कि हम केवल दिन विशेष पर ही अपने गुरुओं को याद करते जबकि, उन्होंने अपना सारा जीवन हमारे भविष्य को संवारने में लगा दिया और जिन बातों का वे विरोध करते रहे या जो वो हमसे अपेक्षा रखते थे उनको दरकिनार कर हमने उन्हें ही देवता बनाकर मन्दिरों में बिठा दिया और ये मान लिया कि जो उन्होंने कर दिखाया वो हम नहीं कर सकते

ऐसा समझने के पीछे हमारा लचर-सा तर्क होता कि, वे तो देवता थे और हममें तो इन्सान बनने तक की काबिलियत नहीं फिर हम भगवान किस तरह बन सकते और ये भूल जाते कि उन्होंने मानव रूप में ही अवतरित होकर हमें ज्ञान का मार्ग दिखाया जीवन जीने का सही ढंग और सच्चा सौदा करना सिखाया जिसकी वजह से वे आदमकद बन गये और हमने उन्हें शीर्ष स्थान पर बिठा ईश्वर का दर्जा दे दिया

हमने ये मान लिया कि उनके लिये सब कुछ करना इसलिये संभव था कि वे तो प्रभु थे हमारी यही गलती है जिसने हमारे और उनके मध्य दूरियां बढ़ा दी जिसके कारण हम उन्हें पूजने लगे उनको शक्तिशाली-अंतर्यामी समझकर अपने को साधारण मानने लगे हमारे इसी कमतरी के अहसास ने हमको उस स्थिति तक पहुंचने से रोका हुआ है

यदि हम गुरुदेव की शिक्षाओं को मन से ग्रहण करें उनके दिखाये हुये मार्ग पर चले तो अपनी पवित्र आत्मा को इस संसार की गन्दगी व मन के विकारों से बचाकर उस परमात्मा से मिला सकते है परन्तु, हम तो मोह-माया के जाल में फंसकर ऐसे भ्रम में पड़ते कि जीवन के वास्तविक उद्देश्य ब्रम्ह को साधने की जगह संसार की भूल-भुलैया में भटक जाते है

यही तो हमें सभी धर्म गुरुओं ने समझाने का प्रयास किया लेकिन, हमने उससे क्या सीखा यही याद दिलाने हर बरस वे इस तरह हमारे समक्ष आते तो अपने देवताओं व गुरुओं के अवतरण दिवस पर हम उनके दिये जीवन मन्त्रों में से किसी एक को भी अपने जीवन में शब्दशः उतार ले तो उनके सच्चे शिष्य बनकर उनको सच्ची भेंट समर्पित कर सकते है  

आज मानवता के रक्षक गुरु नानक देव की ५५० वीं जयंती पर सबको लख-लख बधाईयाँ... ☺ ☺ ☺ !!!
_____________________________________________________
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
२३ नवंबर २०१८

कोई टिप्पणी नहीं: