शुक्रवार, 9 नवंबर 2018

सुर-२०१८-३०९ : #भाई_बहिन_का_नाता #भाई_दूज_पर_और_गहराता




'विधि' बहुत खुश थी कि अब उसके पास भी उसका भाई है जिसके बिना अब तक उसे रक्षाबंधन हो या भाई दूज सब अधूरे लगते थे । यूं तो वो इन दिनों मुंहबोले भाइयों को टीका कर रक्षासूत्र बांध देती थी फिर भी मन के भीतर किसी कमी या खालीपन का अहसास होता जो उसके नन्हे हृदय को कचोटता था । जिस दिन उसे खबर मिली कि उसके घर उसका छुटकू-सा भाई आया है वो सारे घर में नाचती फिरी थी कि आखिरकार, भगवान नर उसकी बात मान ही ली और उसे उसका भाई दे दिया फिर जब वो घर आया उसके बाद से उसके छोटे-छोटे कामों की जिम्मेदारी उसने अपने हाथों में ले ली जो विधि कल तक अपने सभी कामों के लिये मम्मी पर निर्भर थी पता नहीं कब इतनी समझदार व जिम्मेदार बन गयी कि अपने सहोदर की सहचर बन गयी उसके पास से हटने का नाम ही न लेती थी ।

ये बदलाव देखकर मम्मी भी खुश थी क्योंकि, उसने अपनी सहेली के घर देखा था कि उसकी बेटी होने पर किस तरह उसके बेटे ने उधम मचाया था उसे लगने लगा था कि घर में उसकी छोटी बहन नहीं मानो प्रतिद्वंदी आ गयी हो तो बेहद चिड़चिड़ा व लड़ाकू हो गया था । उसकी हरकतों ने न केवल उसके माता-पिता बल्कि, विधि की मम्मी को भी टेंशन में ला दिया था कि पता नहीं विधि अपने छोटे भाई की खबर सुनकर किस तरह रियेक्ट करेगी लेकिन, ये सब देख तो वो दुगुने ममत्व से भर उठी और दोनों का बराबरी से ख्याल रखने लगी जिससे कि विधि के मन में कहीं भी ये सोच अपने पांव न पसार ले कि मम्मी तो अब बस, छुटकू का ही ध्यान रखती है ।

इन सबके लिये वो अपनी डॉक्टर की शुक्रगुजार थी जिसने उसे बच्चों की मानसिकता समझने में मदद की और उसे व विधि को काफी पहले से इन सबके लिये मानसिक रूप से तैयार कर दिया जिसमें उसके पति की भूमिका भी कम नहीं थी जो उन्होंने अपनी छुट्टियां इसी दिन के लिये बचा रखी थी कि जब उसे सर्वाधिक जरूरत होगी वो अपनी पत्नी व बिटिया के करीब होगा तो वे सब मिलकर उस खुशी का आनंद ले रहे थे जिसकी प्लानिंग उन्होंने पहले से ही कर रखी थी अन्यथा आज उनके घर से भी उसी तरह चीखने-चिल्लाने की आवाजें आती जैसी उसकी सहेली के घर से आती थी ।

दीपावली पर भी पति ने पूर्ण सहयोग करते हुए साफ-सफाई का काम अपने हाथों में ले लिया व मार्किट से शॉपिंग भी उसके कहे अनुसार कर ली तो जब भाई-दूज आया पूरा घर-परिवार छुटकू के माथे के तिलक की आभा और विधि के चेहरे की चमक से बिना दीपक ही रोशन हो गया था और नन्ही विधि खुशी-खुशी सबको हैप्पी भाई दूज कह रही थी...☺ ☺ ☺ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
०९ नवंबर २०१८

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