बुधवार, 13 फ़रवरी 2019

सुर-२०१९-४२ : #किस_डे_प्यार_की_मोहर_लगाये #टूटते_बिखरते_रिश्तों_को_फिर_अपना_बनाये



'संदली' अर्ध बेहोश थी जब उसने नर्स को ये कहते सुना कि उसे बेटा हुआ है तो उसने फॅमिली कम्पलीट होने पर निश्चिन्तता की सांस लेकर आंखें मूंद ली और अब तक जो सपना बंद आंखों से देखा था उसके यूं पूरा होने पर उसकी खुशी व संतोष उसके चेहरे से झलकने लगी थी पता नहीं कब तक वो इसी तरह पड़ी रही जब आंख खुली तो खुद को लेबर रूम की जगह हॉस्पिटल की बेड पर पाया और सामने गोद में अपने नन्हे राजकुमार को लिये 'जयेश' को देखा तब यकीन हो गया कि जो भी उसने सुना वो सच था । उसने अपने उस शहजादे को अपनी बाहों में लेने दोनों हाथ बढ़ा दिये तो ‘जयेश’ ने उसके बढ़े हाथों में नन्ही जान थमा दी जिसे अपने बाजुओं में लेकर उसने ममता भरी नजरों से उसे निहारा फिर अपने अधर उसके नन्हे माथे पर रखे तो वो मुस्कुरा उठा जैसे अभी ही उसमें प्राणवायु का संचार हुआ हो तो उसने फिर उसे स्नेह से चूमा और फिर एक बार उसी दृश्य की पुनरावृत्ति हुई और वो ऐसा बार-बार करने लगी ऐसा करते समय वो देख नहीं पाई कि उसकी बड़ी बेटी ‘रिनी’ जो बड़े उत्साह में अपने छोटे भाई से मिलने पापा के साथ आई थी इस दृश्य को देखकर चुपचाप वहां से जा चुकी थी ।

उसके बाद वो अगले दो दिन और अस्पताल में रही मगर, वो नहीं आई उसने ‘जयेश’ से पूछा भी तो उसने यही जवाब दिया कि उसने मना कर दिया तो उसे समझ नहीं आया कि वो अपने छोटे भाई से मिलने आ क्यों नहीं आ रही फिर भी आज ये सोचकर खुश थी कि अब तो डिस्चार्ज होने वाला तो सबसे पहले घर जाकर उससे ही मिलेगी उसने ‘जयेश’ से कहा कि वो रास्ते में गाड़ी रोककर ‘रिनी’ की फेवरिट पेस्ट्री-चॉकलेट्स खरीद ले सब कुछ लेकर वो घर में पहुंची तो पता चला कि वो ट्यूशन जा चुकी है तो उसने मैड को ‘रिनी’ का मनपसन्द डिनर रेडी करने को कहा और तब तक थोड़ा आराम करने के इरादे से वो अपने कमरे में चली गयी उसे पता न चला कब उसकी आँख लग गयी बेटी के कुनमुनाने से आँख खुली तो देखा रात हो चुकी थी वो हडबडाकर उठी और ‘जयेश’ से पूछा ‘रिनी’ कहाँ है तो उसने जवाब दिया कि वो तो सो चुकी है

वो धीरे-से उठकर उसके कमरे में गयी तो देखा वो सो रही थी उसने बड़े दुलार से उसके सर पर हाथ फेरकर उसके माथे को चूमा तो उसने आँख खोल दी और उसकी गर्दन में अपनी छोटी-छोटी बाहें डालकर बोली, “माँ मैं समझ रही था कि अब छोटी भैया आ गया तो आप उसे ही प्यार करोगी मुझे नहीं पर, अब यकीन हो गया आप तो हम दोनों की माँ हो” ‘संदली’ ने उसे बाहों में भरकर कहा, “ऐसा कैसे हो सकता कि मैं तुम्हें भूल जाऊं तुम तो मेरा पहला प्यार हो” तो पीछे खड़े जयेश ने कहा, “और मैं” “तुम वो जिनकी वजह से मैं अपने जीवन के वो प्रेम पा सकी जो अन्तरिक्ष में कहीं भटक रहे थे” तभी ‘रिनी’ बोली, “मम्मी हम सब यहाँ है उधर मेरी मेरा छुटकू भाई अकेला है” और दौड़कर कमरे में जाकर उसके माथे पर एक स्नेहिल चुम्बन अंकित कर दिया जिसे देखकर ‘जयेश’ और ‘संदली’ ने इत्मीनान की सांस ली कि प्रेम भरी पप्पी ने फिर उन सबको आपस में जोड़ दिया था    

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#Kiss_day_Bonding_of_Love
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
फरवरी १३, २०१९

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