शनिवार, 16 फ़रवरी 2019

सुर-२०१९-४५ : #सोशल_मीडिया_का_सदुपयोग_करें #देशहित_मुहिम_में_सक्रिय_हिस्सा_ले




14 फरवरी को हुये हमले के बाद सेना के जवानों ही नहीं आम आदमी में भी बेहद रोष है हर कोई अपने इन देशभक्त भाइयों की हत्या का बदला लेने उग्र तरीके से अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त कर रहा है । मीडिया भी ओजपूर्ण वाणी में देश के लोगों की मनोभावनाओं को भड़काने हृदय में जलती बदले की अग्नि को भड़काने घी डालने का काम कर रहा है । सोशल मीडिया की पूरी वाल ऐसी पोस्ट्स से भरी पड़ी और इसके बीच चंद एजेंट्स अपनी राजनैतिक रोटियां भी सेंक रहे है । समय ऐसा है कि जोश कितना भी दिखा ले हम पर, यदि अपने होश को कायम न रखा या संवेदनाओं में बहकर उग्र बयानबाजी बंद न की तो इसका कोई नतीजा नहीं निकलने वाला है ।

हम जो भी कह रहे या लिख रहे गंभीरता से अगर, विचार करे तो प्रैक्टिकली वो पॉसिबल नहीं क्योंकि भले लड़ाई पड़ोसी है फिर भी ये कोई घर के बगल में रहने वाला आम इंसान नहीं जिससे लड़-झगड़कर फैसला कर ले या अपना मकान बदलकर कही दूसरी जगह घर बनाकर रहना शुरू कर और समझे कि हमने मसला हल कर लिया है । ये तो एक देश का मामला है वो भी ऐसा जो न तो बातों, न लातों, न शांति पैगाम, न युद्ध के ऐलान से ही मानता है । न ही इससे हम अपना मकान बदलकर ही छुट्टी पा सकते या कश्मीर दे देने से ये शांत होकर बैठ जाने वाला है, न ही हम इसका नामो-निशान मिटा सकते, न ही नेस्तनाबूद कर सकते क्योंकि, इसके लिए न्यूक्लियर अटैक ही एकमात्र औजार जिसका इस्तेमाल हमारे हाथ में नहीं इंटरनेशनल लेवल पर भी इसमें अनेक पेंच है ।

केवल जबानी जमा खर्च से कुछ हासिल न होगा सिवाय आत्म संतुष्टि के पर, यदि कुछ सार्थक कर सके तो कम से कम आंशिक ही सही अपने सिपाहियों की मदद कर पायेंगे उनके कुछ शत्रुओं को चिन्हित कर भविष्य के आतंकियों को रोक पायेंगे और दुबारा ऐसा कोई दुखद हादसा न हो ये सुनिश्चित करने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाकर सही मायनों में डिजिटल वारियर बन सकते है । ऐसे में जबकि, हम रण के मैदान में जाकर तो दो-दो हाथ नहीं कर सकते तो हमें वह उपाय सोचना चाहिये जो व्यवहारिक स्तर पर अमल में लाये जा सकते है । कुछ ऐसी मुहिम या हैश टैग हम चला सकते जिनके माध्यम से सोशल मीडिया पर डिजिटल वार के द्वारा दुश्मनों को मार गिरा सकते है और इसके साथ ही बहुत-से विकल्पों का प्रयोग कर के भी इस में सक्रिय भागीदारी कर सकते है

जैसे कि...

१)    आपके आस-पास डिजिटल प्लेटफार्म पर जहां भी जो भी संदिग्ध दिखाई दे तुरंत उसका स्क्रीनशॉट ले और उसकी रिपोर्ट कर संबंधित विभाग को सूचित करें ।

२)    किसी से कितने भी असंतुष्ट या नाराज हो उसके साथ अशिष्टता या अभद्रता न कर ख़ामोशी से उसको अपने मस्तिष्क में दर्ज आकर ले या अपनी फ्रेंड लिस्ट से हटा दे क्योंकि, ऐसी नेगेटिव पोस्ट्स से दूर रहना ही भला होता है

३)    जो ऐसे समय में भी राजनीती करें या किसी दल विशेष का समर्थन या विरोध करें तो उनसे भी फ़िलहाल दूरी बनाये क्योंकि, ये राजनीति नहीं राष्ट्रनीति का समय है ।

४)    किसी मज़हब या समुदाय पर ऊँगली उठाने की जगह जो वास्तव में दोषी उसे ही निशाना बनाये क्योंकि, ये भी सच कि किसी एक या अनेक की वजह से सभी को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता है ।

५)    अपने देश की सम्पति तथा किसी के वाहनों या वस्तुओं पर अपना गुस्सा न उतारे अपने इस क्रोध को सम्भालकर रखे जरूरत पड़ने पर उसको निकाले फिर भी किसी निर्दोष पर नहीं इन सब हरकतों से नुकसान हमारा ही होता है ।

६)    जो लोग भी भडकाऊ पोस्ट लिखे या किसी दूसरे की भावनाओं को उकसाने या आहत करने सम्बन्धी बयानबाजी करे उनको समझाने का प्रयास करें यदि न माने तो इस समय अपने आपको उनसे अलग कर ले क्योंकि, अक्सर ऐसी पोस्ट्स पर कमेंट्स करने से हम भी उनकी जमात में शामिल माने जा सकते है ।

७)    कुछ ऐसी मुहीम हम चला सकते जो कि शहीदों को उनका हक़ दिला सके और उनके परिजनों के भविष्य को सुरक्षित करने में भी सहयोग कर सकते है ।

८)    इस समय हम सरकार से सवाल जरुर कर सकते कि किन सुरक्षा खामियों या चूक की वजह से ये दर्दनाक घटना हुई या आगे किस तरह की कार्यवाही की जा रही लेकिन, फ़िलहाल सीधे आरोप नहीं लगाये क्योंकि, हम नहीं जानते कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी सीमायें या बंदिशें क्या है ऐसे में हमारे ये सवालात उन पर किसी तरह की गलत कार्यवाही करने का दबाब न बना दे फिर भी यदि लम्बी अवधि तक वो नाकाम रहे तो हम सबको ये हक बनता कि हम उन्हें कटघरे में खड़ा करें ।  

९)    जो भारत में रहकर भी उसके ही खिलाफ लिखता हो या आतंकियों का समर्थन करता हो तो उनको कतई नजरअंदाज न करें उनकी सूचना सरकार को दें क्योंकि, यही लोग आगे चलकर आतंकी बनकर सामने आते है

१०)  किसी भी खबर को तब तक वायरल न करें जब तक कि उसकी सत्यता की पुष्टि न हो इसे जांचना कोई कठिन काम नहीं गूगल पर जाकर ही चेक कर सकते क्योंकि, ऐसी खबरें ज्यादातर दंगों या विवाद का कारण बनती है

यदि आपको लग रहा कि इन सबसे कोई फायदा नहीं होना या ये कोई ज्यादा असरकारक तरीके नहीं तो आप सबकी जानकारी के लिये बता दूँ कि सोशल मीडिया की ताकत की वजह से सांसद ‘नवजोत सिंह सिद्धू’ को उनकी घटिया बयानबाजी की वजह से फ़िलहाल तो सिर्फ कॉमेडियन ‘कपिल शर्मा’ के शो से ही आउट किया गया यदि इसी तरह से उनके विरुद्ध अभियान जारी रहा तो शायद कांग्रेस से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया जाये और इसी सोशल मीडिया ने उन छात्रों के चेहरे से भी नकाब उठाया जो पढ़ते तो इस देश के विश्वविद्यालय में थे लेकिन, दिल-दिमाग से दुश्मन देश की तरफदारी करते थे तो उनके इस कदम ने अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 39 छात्र को बेदखल करवाया तो 96 के खिलाफ मुकदमा और 43 गिरफ्तार भी किये गये और यही नहीं सरकारी कर्मचारी व मीडियाकर्मी तक निलंबित किये गये जिन्होंने आतंकियों का समर्थन किया था   

ये सब खबरें बताती कि हम घर पर बैठे हुये ही अपने देश के लिये काफी कुछ कर सकते वो भी उसी सोशल मीडिया के माध्यम से जिस पर हम अधिकांश समय बिताते है तो आब सब भी ऐसे गद्दारों को चिन्हित करें यदि वह कहीं नौकरी करता है तो उस कम्पनी के मैनेजर, मालिक, सीईओ को मेसेज कर  मजबूर कर दें कि उसे नौकरी से निकाला जाये और यदि वह स्टूडेंट हो तो उसके प्रिन्सिपल, निदेशक, रजिस्ट्रार को मेसेज करें ताकि उसे रेस्टिकेट किया जाये यही नहीं ऐसी संदिग्ध लोगों को की खबर सम्बंधित थाने/पुलिस को ट्वीट करें साथ ही उसके मकान मालिक, कॉमन फ़्रेंड को भी आगाह करें तो ऐसे कई छोटी-छोटी कार्यवाही हम सब भी कर सकते और डिजिटल वार को हकीकत बना सकते है इस समय हमें अपनी सेना व सरकार का मनोबल बढ़ाना है पुरानी बातों को याद कर या अपने पूर्वाग्रहों को उन पर आरोपित कर अपनी भड़ास नहीं निकालना है जैसा कि कुछ लोग करते नजर आ रहे है ये समय बेहद सावधान रहने का है

जिस तरह सेना अपना काम कर रही हमें भी अपना काम करना है जो इसी तरह से किया जा सकता है ।

#Do_Digital_War
#Be_Digital_Warior
#Use_Power_Of_Social_Media

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
फरवरी १६, २०१९

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