गुरुवार, 12 फ़रवरी 2015

सुर-४३ : "लव पैकेज का षष्ठम दिवस...!!!"

अंतर्मन में
नफरत भर के
भींचा था कसकर
महाराजा धृतराष्ट्र ने
भीम का लोहे का पुतला
जिसने उनके मनोभावों को
सब के सामने उजागर कर दिया
कि उपर से कुछ भी नज़र आये मगर,
भीतर न हो प्रेम तो सब बेमानी हो जाता हैं ।
.....
दुनिया में
हर रिश्ते के बीच
जब तक प्यार के कोमल तंतु
उपस्थित रहते हैं बिना किसी जोड़ के तो
फिर आये कितनी भी दुश्वारियां या आज़माइश
वो आजीवन अपने अर्थों के साथ कायम रहता हैं ।।
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मित्रों...,

इस दुनिया में एक नवजात शिशु जब आँख खोलता हैं तो सबसे पहले जो चेहरा उसे नज़र आता हैं वो उसकी जन्मदात्रीका होता हैं जो एक अरसे तक हर कष्ट सहकर असहनीय पीड़ा से गुजर इस दिन का इंतजार करती हैं और जब रब की वो अनमोल नेमत उसके हाथों में आती हैं तो वो उसे झट अपने बाहों के घेरे में लेकर सीने से चिपका लेती हैं और इससे उसे जो ख़ुशी मिलती हैं उसे किसी भी तरह के शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता हैं और दूसरी और वो नन्हा बच्चा भी उस ममता के घेरे में खुद को एकदम महफूज़ समझ निश्चिंत होकर चैन की नींद लेता हैं । यही होता हैं आलिंगनका वास्तविक अर्थ जो हर कोई जनम लेते ही जान जाता हैं और इसी अहसास के लिये ताउम्र तरसता हैं इसलिये शायद, ‘लव पैकेजमें आज का दिन इस जादू की झप्पीको दिया गया हैं जिसे कि ये पीढ़ी हग डेकहती हैं । गर्मजोशी से प्यार के साथ जब किसी भी अपने को कसकर गले लगाया जाता हैं तो बिना कुछ कहे भी उसके भीतर अपने मन की बात को संचारित किया जा सकता हैं ये तो प्रेम प्रदर्शन का एक सहज-सरल तरीका हैं जिसके लिये शब्दों की जरूरत नहीं केवल आपके अंदर की अनुभूति ही पर्याप्त हैं और यदि आप भीतर कोई और रस रखकर सामने वाले को अपनी आगोश में लेते हैं तो उस पर आपकी इस जादू की झप्पीका कोई भी असर नहीं होगा क्योंकि हर रिश्ते से जुड़े लोग ऊष्मा से भरे दो बाँहों के इस सुरक्षा वलय में खुद को और अपने बीच के कोमल नेह बंधन को बरक़रार रख पाते हैं ।

इसके महत्व को मुन्नाभाई एम.बी.बी.एस.फिल्म में जिस तरह बखूबी उदाहरण सहित दर्शाया गया हैं वो बड़ी आसानी से सबको ये बता गया कि झप्पीमें एक जादू होता हैं जिसके असर से कोई भी बच नहीं सकता तभी तो उसे जादू की झप्पीनाम दिया गया वाकई किसी को भी प्रेम से गले लगाने से बढ़कर प्रेम की कोई और भाषा नहीं और जब कोई अपना मुसीबत या परेशानी में हो तो इससे बेहतर कोई दवाई भी नहीं इसलिये मेडिकल साइंसने भी इसे स्पर्श चिकित्साका हिस्सा माना हैं । जिसके तहत हम अपनी भावनाओं के अतिरिक्त अपने उसके साथ होने के अहसास को भी बिना ये कहे कि मैं तुम्हारे साथ हूँउसके अंतर्मन में स्थापित कर देते हैं जो एक संबल बनकर उसे दुःख की इस घड़ी में न सिर्फ एक सहारा देता हैं बल्कि दर्द के दरिया को पार करने का अपूर्व हौंसला भी देता हैं । ये कोई मुश्किल काम भी तो नहीं लेकिन हम सब जिस तरह के वातावरण और परिवेश में रहते हैं वहां यूँ खुलेआम किसी भी अजनबी को गले लगाने की न तो सोच सकते हैं न ही उस पर अमल कर पाते हैं क्योंकि भारतीय संस्कृति में दिखावे को नहीं बल्कि अपनी भावनाओं के दमन को प्रश्रय दिया जाता हैं यहाँ प्रेम को प्रदर्शन नहीं बल्कि अपने मन की किसी तहखाने में दबाकर सात तालों में रखने की हिदायत दी जाती हैं । इसलिये हमारे यहाँ की नयी पीढ़ी इस उन्मुक्त पर्व को मनाने के प्रति उत्साहित नज़र आती हैं जहाँ कोई रोक-टोक नहीं न ही किसी तरह का कोई बंधन लेकिन जब तक वो इन आयातित उत्सवों के साथ अपनी भारतीयता के पक्के रंग को नहीं मिलायेगी ये बड़ी आसानी से उसके दिलों-दिमाग से वैसे ही उतर जायेंगे जैसे पानी से धोने से कच्चे रंग मिट जाते हैं ।

आप अपने चारों तरफ सारी कुदरत पर ही एक नज़र डालिये किस तरह कहीं अंबर-धरा को बाहें पसार अपने आगोश में ले रहा हैं तो कहीं नदिया-सागर की गोद में समा रही हैं और कहीं बदली-चाँद को अपने आंचल में छूपा रही हैं यानि कि पूरी की पूरी प्रकृति भी प्रेम-भाव से परिचालित हो रही हैं... फिर इंसान ही क्यों इसे भूल जाता हैं और बैर-भाव से सबके साथ पेश आता हैं जबकि महाभारतका धृतराष्ट्र आलिंगनप्रसंग इस बात का सटीक उदाहरण प्रस्तुत करता हैं कि उपर कुछ और अंदर कुछ रखकर गले लगाने से किस तरह का परिणाम सामने आता हैं... ये तो निःस्वार्थ निश्छल होकर किया जाये तभी पुराने रिश्तों को मजबूत और नये रिश्तों को जीवन दिया जा सकता हैं तो फिर जादू की झप्पीसे मिटाये नफरत की हर दीवार को और बनाये एक प्यार का सेतु जिससे चलकर आपके आंतरिक मनोभाव दूसरे के <3 में पहुँच सके... इसी संदेश के साथ सबको आलिंगन दिवसकी शुभकामनायें... :) :) :) !!!             
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१२ फरवरी  २०१५
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
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1 टिप्पणी:

REGINA ANDREW ने कहा…

मेरो नाम जेन हो। यो मेरो जीवनको एकदमै आनन्दित दिन हो किनभने डाएकवा डब्ल्यूयूले मलाई आफ्नो पति र मायाको जादूको साथमा मेरो पूर्व पतिलाई फिर्ता लिन मद्दत गरेर मलाई प्रदान गर्यो। म 6 वर्ष को लागि विवाहित थिए र यो धेरै भयानक थियो किनकि मेरो पति वास्तव मा मलाई धोखा दे रही थियो र उनको तलाक को लागि खोज रहेको थियो तर जब म डाएएक्वायू ई मेल मा इंटरनेट मा कसरि आए हो उसलाई कसरि उनको धेरै फिर्ता उनको पूर्व फिर्ता गर्न को लागि मदद को छ र रिसेक्सन फिक्सिंगमा मद्दत पुर्याउनुहोस्। मेकपपलेपलहरू उनीहरूको सम्बन्धमा खुसी रहन्छन्। मैले आफ्नो अवस्था उनको बारेमा बताए र त्यसपछि उनीहरूको सहयोग खोज्छ तर मेरो सबैभन्दा ठूलो आश्चर्यको कारण उहाँले मलाई भन्नुभयो कि उसले मलाई मेरो मामलामा मद्दत गर्नेछ र यहाँ म उत्सव गर्दैछु किनभने मेरो पति राम्रोसँग राम्रो परिवर्तन भएको छ। उहाँ सधैं मेरो द्वारा हुन चाहन्छु र मेरो वर्तमान बिना केहि गर्न सक्दैन। म साँच्चै मेरो विवाहको आनन्द उठाउँदै छु, कस्तो महान् उत्सव। म इन्टरनेटमा गवाही दिँदै किनभने डाएकएक्वायू साँच्चै एक वास्तविक जादू क्यास्टर हुनुहुन्छ। क्या तपाईं चिकित्सक संग संपर्क गर्नुहोस अब तपाईंलाई Via EMAIL: AKAKWU@gmail.com को आवश्यकता छ
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