रविवार, 12 अगस्त 2018

सुर-२०१८-२१२ : #बुद्धिजीवी_कहिन




सो जाओ, आग अभी
आपके घर तक नहीं आई
जिनके घरों में लगी
उनसे आपको क्या सरोकार
वो सभी आस-पास रहते
क्या सिर्फ इसलिये ही
उनकी परवाह करें
बहुत छोटा-सा घर हैं अपना
दरवाजा बंद कर
चुपचाप तमाशा देखें
गर, आई आग इधर तब
सोचेंगे क्या करना है?
तब तक सबको देखना
चुप कर के रहना है
बदल गया वो जमाना जब
परपीड़ा सम नहीं अधमाई कहते थे
अब तो खुद से फुर्सत नहीं
दूसरों की सोचें इतना वक़्त नहीं
जरूरत भी क्या अगर,
वो हमारे किसी काम का नहीं
इसलिये दूसरों के घर लगी आग
चिंता का विषय नहीं
जब लपटें आयेंगी इस तरफ
तब करेंगे बचाव अपना
उससे पहले बस नजर रखना
अंदाजा लगाना कब तलक
वो हम तक पहुंचेगी
उससे थोड़ा पहले ही हमें
विदेश का रुख करना होगा ताकि,
वहां से लिखकर बता सके कि
पहले ही आगाह किया था
रहने लायक नहीं बचा
अब अपना देश
तब लगा था बहुत बुरा
पर, अब देखो वहीं हुआ न
जो हमने कहा था
हमारा काम सिर्फ लिखना है
संभले न कोई तो फिर...
हमारा कुसूर क्या?

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
१२ अगस्त २०१८

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