रविवार, 19 अगस्त 2018

सुर-२०१८-२१९ : #लघुकथा_पत्नी_बनने_की_कोशिश_मत_करो




रोहित, ये क्या तुमने गीला टॉवल बिस्तर पर ही डाल दिया तुमसे कितनी बार कहा कि मुझे ये पसंद नहीं अभी की अभी इसे उठाओ और बाहर बॉलकोनी में डालकर आओ जैसे ही कनिका ने बिस्तर पर गीला तौलिया देखा एकदम से प्रेसर कुकर की तरह फट पड़ी

क्रिया की प्रतिक्रिया ये हुई कि रोहित ने भी उसी तरह पलटवार करते हुए शब्दों की गोलियां तड़तड़ा दाग दी, मिस कनिका आप शायद भूल रही हैं कि हम लिव-इन में रहते है तो प्लीज़ मेरी पत्नी बनने की कोशिश मत करो यदि यही सब सुनना-झेलना होता तो मैं शादी कर लेता आधा बिस्तर तुम्हारा तो आधा मेरा भी है और गौर से देखो मैंने टॉवल अपने साइड ही डाला है ये कहते हुए वो तेजी से कमरे से बाहर चला गया और वो खामोश बंद दरवाजा देखती रही ।

After 2 Years...

कनिका की शादी हो चुकी है और उसी दृश्य की पुनरावृत्ति होती है अंतर केवल इतना है कि, इस बार वो बकायदा सप्तपदी और पूरे रीति-रिवाज के बाद मुकुल की बनी ऑफिसियल बीबी है फिर भी जवाब वही लौटकर आता है ।

इसका मतलब सात फेरे, मंगलसूत्र, सिंदूर के बाद भी स्थिति वही है तो क्या अब भी वो पत्नी नहीं है सिर्फ बनने की कोशिश कर रही है इस प्रश्न का जवाब किसी के पास नहीं सब अपने-अपने घरों में ये सुन चुप रहती पर, कब तक?

अगले दिन उसने अपनी फ्रेंड्स के साथ मूवी देखने जाने का प्लान बनाया पर, जैसे ही मुकुल को बताया वो बिगड़ पड़ा कि आज उसने अपने बॉस को खाने पर इनवाइट किया ऐसे में वो कहीं घूमने कैसे जा सकती है तो अचानक उसके मुंह से निकल पड़ा ज्यादा पति बनने की कोशिश मत करो और ये कहकर वो तेज गति से कमरे से बाहर निकल गयी मुकुल मुंह फाड़े खड़ा हुआ बंद दरवाजा देखता रहा ।

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
१९ अगस्त २०१८

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