सोमवार, 6 अगस्त 2018

सुर-२०१८-२१६ : #सावन_और_सोमवार #शिवोपासना_के_दिन_ख़ास




यूँ तो आदिदेव महादेव की पूजा पूरे साल ही की जाती लेकिन, सावन और सोमवार का विशेष महत्व हैं क्योंकि, इन दिनों शिव भी एकांत वास कर चातुर्मास की अवधि व्यतीत करते और इस दिन हम जो भी उनके निमित्त उन्हें अर्पित करते या उनके मंत्र का मानसिक जाप करते वो उसे सीधे ग्रहण करते इस तरह हमारा उनसे प्रत्यक्ष कनेक्शन जुड़ जाता जिससे कि हमारी पूजा-अर्चना निष्फल नहीं जाती यूँ तो हम कभी-भी कुछ भी पूर्ण श्रद्धा-भक्ति से करे उसे भगवान् स्वीकार करते और हमारी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है

इसके बावजूद भी कुछ दिवस के बारे में धर्म ग्रंथों में वर्णित है कि यदि हम साल के अन्य दिनों किसी वजह या व्यस्त होने के कारण पूजा-ध्यान के लिये समय नहीं भी निकाल पाते तो कोई बात नहीं मगर, इन दोनों की उपेक्षा नहीं करना चाहिये जिसका एक बहुत बड़ा कारण ऋतू परिवर्तन से जुड़ा हुआ है जिसके बदलते ही हमारी गतिविधियाँ भी शिथिल हो जाती परंतु, जब हम इस तरह की साधना करते तो उससे प्राप्त ऊर्जा हमारे तन-मन को इस तरह से लचीला बना देती कि वो इस बदलाव के साथ आसानी से सामंजस्य बिठा लेता हैं

वेद-पुराणों में हर माह या हर दिन की कुछ अलग ही तरह से व्याख्या की गयी जिसे धार्मिक आयोजनों से जोड़ने का एकमात्र कारण यही है कि हम धर्म भय से ही सही इसके प्रति आकर्षित हो और उस अदृश्य शक्ति से जुड़े जो हमें रचती है इसके लिये साधु-तपस्वियों की तरह कोई कठिन तप करने की जरूरत नहीं बस, प्रकृति को ही साक्षात् देवता मानकर हम जो भी चाहे और जिस तरह से भी चाहे कर सकते जो एक तरह से कृतज्ञता ज्ञापित करने का माध्यम है जिसके लिये निराकार प्रभु से न जुड़ सके तो मिट्टी से साकार शिवलिंग का निर्माण कर के भी ये कार्य कर सकते यही तो इस दिन की सहजता है... ॐ नमः शिवाय... ☺ ☺ ☺ !!!

_____________________________________________________
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
०६ अगस्त २०१८

कोई टिप्पणी नहीं: