शनिवार, 18 अगस्त 2018

सुर-२०१८-२१८ : #हरफनमौला_फ़नकार #हरदिल_अजीज़_गुलज़ार




शब्दों से बुनते मन के कोमल रेशमी लिबास अंतर के जख्मों को ढांककर जो देते सुकूं का मखमली अहसास ऐसे लेखनी के जुलाहे ‘गुलज़ार’ मिला जिन्हें माँ सरस्वती का अद्भुत वरदान जिससे रचते वो कृतित्व बेमिसाल फिर चाहे लिखे गीत या गज़ल या फिर नज़्म या रुबाई या फिर कलम से बुने कोई कथानक या रचे कोई फिल्म जो भी करते सृजन वो बन जाता एक अनमोल शाहकार

जिसको सुनकर और पढ़कर ज़ेहन मन की गहन कंदराओं में खो जाता और पाता आत्मिक स्पर्श का आध्यात्मिक अहसास जिसके जरिये महसूसता वो जादुई अनुभव जिनसे अब तक रहा अनजान अल्फाजों की ऐसी बारीक़ बुनावट अर्थों की ऐसी अनगिनत परतें जिनको खोलते-खोलते ज़ेहन हर बार होता अचंभित कि कैसे न समझ पाया ये मायने उस वक़्त कि उस तक पहुंचने में उम्र का एक अरसा गुज़ारना पड़ता तब कहीं जाकर उनके लिखे के मर्म को छू पाते है ।

समय के साथ परिपक्वता और जीवन के किसी मोड़ पर आती ऐसी परिस्थितियां जो सामने लाती उन गूढ़ मानी को जिसको पहले समझना न था आसान । आम-से शब्दों को अपनी पारसमणि छुवन से बना देते कंचन सम तब दिल कभी लगने लगता खाली बर्तन तो कभी बच्चे जैसा कच्ची कैरी समान कि वे साधारण बिंबो को असाधारण बनाने की काबिलियत रखते तभी तो हम उनकी कलम के मुरीद बनते ।

शायद, ही कोई ऐसा हो जिसे उनका लिखा कोई भी तराना या कहानी पसंद न हो क्योंकि, संवेदनाओं की जिस गहराई तक वे उतरते कभी न कभी सबका ही उन हालातों से सामना होता तब उनके वो शब्द रुई के फ़ाहे के समान जख्म को सहलाते उन पर मरहम लगाते । उनकी कल्पनाशक्ति रचनाधर्मिता और जीवन के सभी पहलुओं को देखने का नजरिया सबसे अलग और उनका चश्मा बेहद अलहदा जिससे उन्हें वो दिख जाता जिसे किसी की भी दृष्टि नहीं देख पाती इसलिये तो आज भी उनके शब्द ही उनकी पहचान है ।

वे हमेशा ऐसा ही भावनात्मक रूहानी लेखन करते रहे जिसके आईने में हम अपने उस अक्स को देख सके जिसे दुनियावी लिहाज़ के चलते सबसे छुपाकर रखते अपने आप से भी कि सबका एक गोपनीय कोना होता जिसे वो किसी को दिखाना नहीं चाहता पर, एकांत में कछुए की भांति उस खोल में घुसकर अपना ही वजूद तलाशना चाहता तब उनको सुनना या पढ़ना इसमें हमारी बड़ी मदद करता

ऐसे हम सबके प्रिय फ़नकार सदा हमारे बीच बने रहे आज उनके जन्मदिवस पर हम यही कामना करते... हैप्पी बर्थ डे गुलज़ार साहब... ☺ ☺ ☺ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
१८ अगस्त २०१८

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