रविवार, 19 मार्च 2017

सुर-२०१७-७७ : जीवन की गाड़ी... 👫 !!!

साथियों... नमस्कार...




विवाह पूर्व...
प्रेमियों की चाहना
बस, मैं और तुम हो साथ
तो नहीं कुछ भी और दरकार
काफी हैं जीने को
सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारा 'प्यार'
विवाह पश्चात्...
पति-पत्नी का राग
जीने के लिये तो चाहिये
बहुत कुछ सामान
जिसके बिन चले न संसार
काफ़ी नहीं केवल 'प्यार'
सच हैं...
वो रूमानी अहसास
वो पहला ख्याल
तो झूठ नहीं...
वो हकीकी आभास
वो दूजा विचार
गर,
रहे मन में
दोनों का ही भान
तो बना रहे सदैव 'प्यार'
करना इतना ही
कि एक पलड़े में रखो
अगर 'इश्क़दारी' तो
दूसरे में रखना 'दुनियादारी'
फिर देखना किस तरह
अपने आप ही सध जाती
ज़िंदगी की दो पहिया गाड़ी ।।

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

१९ मार्च २०१७ 

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