रविवार, 25 जून 2017

सुर-२०१७-१७५ : “अनमोल ख़ुशी...!!!”


अपनी नौकरानी की
बिटिया के चेहरे पर खिली
ख़ुशी की कलियाँ देख
वे हैरत में थी कि
किस तरह वो
कचरे में फेंके टूटे-फूटे
खिलौनों को पाकर
उन्हें बार-बार
छूकर देख रही थी
चहक रही थी
जबकि उनकी अपनी बेटी
मंहगे से महंगे
खिलौने भी दिला दो तो भी
ख़ुशी की ये झलक
नज़र न आती
सच...
पैसे से सिर्फ़
वस्तु खरीदी जा सकती
लेकिन सच्ची ख़ुशी
वो तो अंदर से ही आती ।।

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

२५ जून २०१७

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