शुक्रवार, 9 जून 2017

सुर-२०१७-१५९ : डिजिटल लव-स्टोरी !!!


उसने अपनी आँखों की ‘लाइट बीम’ से उसके खुबसूरत चेहरे को उपर से नीचे तक ‘स्कैन’ किया और वो सीधा उसके जेहन के ‘कंप्यूटर’ में ‘अपलोड’ हो गया और अब दिन-रात उसके दिल के ‘मॉनिटर’ पर वही ‘डिस्प्ले’ होता था वो अपनी कल्पनाओं के ‘की-बोर्ड’ से रोज उसे ख़त लिखता पर, कभी हकीकत में ‘प्रिंट’ नहीं करता और उसके हाथ ‘माउस’ की तरह उसके वजूद के ‘माउस पैड’ पर ‘सर्फिंग’ करना चाहते थे पर, वो थी कि ‘माउस पॉइंटर’ की तरह किसी और के इशारे पर नाच रही थी इस बात का अहसास उसे तब हुआ जब किसी ‘हैकर’ ने उस तस्वीर को ‘डाउनलोड’ कर अपना बना लिया और वो अपने दिल के ‘स्क्रीन’ पर ‘एरर मेसेज’ ही पढ़ता रह गया... ‘File is not found’.

अब उसे ढूँढना बेकार हैं वो ‘फाइल’ उसके पास नहीं बची पर, ऐसा नहीं था वो गर, महज कोई ‘डॉक्यूमेंट’ होती तो उसकी ‘कार्बन कॉपी’ निकाल लेता मगर, ये तो उसका ‘ऑपरेटिंग सिस्टम’ थी जिसके बिना उसका ‘हार्ट’ अब काम नहीं कर पा रहा था उसे पता ही नहीं चला कि कब वो उसके लिये इतनी महत्वपूर्ण हो गयी थी पर, वो सचमुच में ‘ऑपरेटिंग सिस्टम’ ही होती तो उसे भी ‘फॉर्मेट’ कर ‘री-इंस्टाल’ कर लेता लेकिन ये तो ‘रीड ओनली मेमोरी’ की तरह थी जिसे इरेस कर पाना उसके बस में नहीं था वैसे भी कहने को इस तकनीकी युग में प्रेम की भाषा भले ही बदल जाए लेकिन उसकी फीलिंग तो हमेशा वैसा ही रहेगी क्योंकि वो सिर्फ धडकनों की जुबान समझती हैं जो हर भाषा में धक... धक... धक... ही करती हैं इसके सिवा कुछ भी नहीं और ये उसका दिल हैं कोई मशीन नहीं जो बीप-बीप करें और उसमें नई चिप डालकर उसकी मेमोरी बदल दी जाये
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

०९ जून २०१७

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