गुरुवार, 8 जून 2017

सुर-२०१७-१५८ : “क्या हैं जिंदगी” ???


उछाल दिया हवा में
सिक्के की मानिंद ये सवाल कि
'क्या हैं ज़िंदगी ?'

और देखते रहे
आसमान की तरफ एकटक
पाने अपना जवाब
पर, सिक्के की ही तरह
कभी 'हेड' तो कभी 'टेल' आया
और कभी सिक्के को खड़ा पाया
तो कभी अटक गया हो जैसे
कुछ भी न जवाब आया

इस तरह हर बार
जवाब  सिक्के की तरह
अनिश्चित ही रहा
ढूंढते ही रहे उसको
पर, कभी न मनमाफिक पाया ।।

_____________________________________________________
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

०८ जून २०१७

कोई टिप्पणी नहीं: