मंगलवार, 22 अगस्त 2017

सुर-२०१७-२३२ : सब कुछ था उसके पास... फिर भी लगा वो कंगाल...!!!


‘लावण्या’ ने जैसे ही मोबाइल ओपन किया सामने नोटिफिकेशन में ‘सुमित’ के कई मैसेज थे लेकिन सबमें एक ही बात लिखी थी कि कहाँ हो तुम ? जल्दी ऑनलाइन हो न तुमसे जरूरी बात करनी हैं तो उसने सोचा कि ऐसा क्या हो गया जो वो उससे शेयर कर्ण चाहता हैं वैसे भी सोशल मीडिया पर उन दोनों को दोस्त बने अधिक दिन नहीं हुये लेकिन इस दरम्यान वो जान चुकी थी कि किस तरह ‘सुमित’ अपने एक आईडिया को स्टार्टअप में बदल एक बेहद सफल बिजनेसमैन बना जिसके पास दुनिया की हर सुख-सुविधा और ऐशो-आराम की हर एक चीज़ हैं यहाँ तक कि उसकी पसंद की लडकी से ही उसकी शादी हुई लेकिन उसके बाद भी कहीं न कहीं वो उसकी बातों में अकेलापन और दर्द महसूस करती कि उसकी वाइफ के पास तो उसके लिये टाइम ही नहीं आखिर वो भी तो एक सुपर मॉडल हैं जिसके पास अनेक कम्पनीज के मॉडलिंग के प्रस्ताव होते तो उसका एक कदम देश तो दूसरा विदेश में रहता जिसकी वजह से उनके बीच में दूरियां बढती जा रही थी क्योंकि जब भी उसको जरूरत होती या वो उसको अपने पास महसूस करना चाहता वो कभी भी उसके करीब नहीं होती ऐसे में वो सब चीजें जिसे पाने उसने इतनी मेहनत की वो सब उसे ज़हर लगने लगती कि इनकी वजह से ही उसका प्यार उससे बहुत दूर हो गया था जबकि कभी जब वो संघर्ष कर रही थी तब ‘सुमित’ की कंपनी ने उसे मॉडलिंग का पहला ऑफर देकर उसका हौंसला बढ़ाया था और जब उसने उसे प्रपोज किया था तब उसने प्रॉमिस किया था कि वो शादी के बाद ये सब छोड़ देगी कि जो कुछ भी वो कमाना चाहती वो सब उसे ‘सुमित’ से ही हासिल हो जायेगा फिर भला वो किसलिये परेशां होगी लेकिन शादी के बाद अचानक जब उसके प्रोफाइल से प्रभावित होकर कुछ बड़ी कम्पनियों ने उसे प्रस्ताव दिये तो वो इंकार न कर सकी जबकि ‘सुमित’ का सोचना था कि जब उनको जरूरत नहीं तो फिर किसलिये वो ये सब करना चाहती वो भी अपने दिये हुये वादे को तोड़कर पर, उन कम्पनीज के लुभावने प्रस्तावों ने उसकी आँखों पर पट्टी बाँध दी और उसने उन्हें स्वीकार कर लिया तब ‘सुमित’ को पहला झटका लगा लेकिन अपनी व्यस्तता और काम के कारण उसने उसे झेल लिया पर, उसके बाद जब वो लगातार ही एक के बाद एक ऑफ़र लेती गयी और उसकी वजह से उसने एबॉर्शन भी करवा लिया तो तो वो झल्ला गया पर, जब उसकी पत्नी ने अपना निर्णय सुना दिया कि वो अपने कैरियर को यूँ चरम पर छोड़कर न तो बच्चे पालना चाहती हैं और न ही पछताना चाहती हैं तब उसे दूसरा झटका लगा जिसे उसने अपनी सफ़लता के नशे में सहन कर लिया पर, हद तो तब हो गयी जब उसका एक्सीडेंट हुआ जिसकी वजह से उसे बीएड रेस्ट करना था तब उसकी इच्छा थी कि वो सब काम छोडकर उसके नजदीक आ जाये तब उसने उसे तीसरा और अंतिम झटका दे दिया कि जिस काम के लिये उसे उसकी जरूरत वो तो कोई नर्स भी कर सकती लेकिन जो वो कर सकती सिवा उसके कोई न कर सकता तो इसके बाद ‘सुमित’ ने उससे कोई भी उम्मीद या अपेक्षा रखना छोड़ दिया और तभी उन सबसे कमजोर लम्हों में उसकी ‘लावण्या’ से दोस्ती हुई तो भावुकता में बहकर न जाने कब उसने उसे अपनी सारी कहानी कह डाली जिसने उनकी मध्य दोस्तों को गहरा कर दिया इसलिये जब उसने उसके इतने मेसेजेस पढ़े तो तुरंत रिप्लाई किया बोलो क्या बात हैं तो उधर से एक सन्देश आया आज उसकी कंपनी ने वो मुकाम हासिल कर लिया जिसकी उसे ख्वाहिश थी पर, अब मुझे खुद से ज्यादा मेरा ड्राईवर खुशनसीब लगता जिसकी पत्नी उसका बहुत ख्याल रखती और उसके दोनों बच्चे उसके कांधों तक आकर उसका सहारा बनने लगे और एक वो हैं सब कुछ उसके पास फिर भी मन उदास... :( :( :( !!!
       
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

२२ अगस्त २०१७

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