शनिवार, 26 अगस्त 2017

सुर-२०१७-२३६ : मानवता की राह पर जब कोई चलता... तब कहीं वो ‘मदर टेरेसा’ बन पाता...!!!!


एकाएक ही कोई आश्चर्य या चमत्कार नहीं घटित होता और न ही कोई अचानक ही महात्मा या महाशक्ति बन जाता कि इसके लिये जन्मों की तैयारी होती तभी तो बाल्यकाल से ही मन में वो भाव जागता कुछ ऐसा ही हुआ था बारह वर्ष की नाज़ुक अवस्था में अगनेस गोंझा बोयाजिजू को ये अहसास हो गया कि उनका जन्म मानवता की सेवा के निहितार्थ हुआ हैं तो उन्होंने ये संकल्प ले लिया कि वे अपना सारा जीवन उसी को समर्पित कर देगी और फिर उन्होंने उस दिशा में कदम बढ़ाते हुये सिस्टर्स ऑफ़ लोरेटो में शामिल होने का निर्णय लिया और ये तय किया कि वे इंसानियत को जीवित रखने के लिये जो कुछ भी संभव होगा वो आजीवन करेंगी तो अपने इस कठिन निर्णय को उन्होंने अंतिम समय तक भी निभाया और चूँकि उनके भीतर प्रारंभ से ही नर सेवा के प्रति झुकाव था जिसने ये साबित किया कि ये अंतरात्मा ही होती जो स्वाभाविक रूप से हमें अपनी मूल प्रवृति की और झुकाने को प्रेरित करती परन्तु हम ही उसे अनसुना आकर देते तो फिर उसकी आवाज़ भी बंद हो जाती लेकिन उन्होंने तो इसे बहुत जल्द न केवल सुना बल्कि उसका अनुकरण भी किया तो फिर सबने उन्हें प्रेम से ‘मदर टेरेसा’ नाम से संबोधित कर उनका मान बढ़ाया कि एक स्त्री ने हर तरह की परिस्थिति में समझौता किये बिना परदेस में वो कर दिखाया जो आज भी बहुत से लोगों का मार्गदर्शन करता अज जन्मदिन पर उनका पुन्य स्मरण और शब्दांजलि... :) :) :) !!!
  
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
२६ अगस्त २०१७


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