गुरुवार, 2 नवंबर 2017

सुर-२०१७-३०४ : लघुकथा : ‘कमजोर कौन?’



‘रागिनी’ अपने पति से कार चलाना सीख रही जिसका मानना था कि वो चाहे कितनी भी कोशिश कर ले पर, एक महिला होने के कारण वो कभी भी बेहतरीन तरीके से ड्राइविंग नहीं कर पायेगी क्योंकि, औरतों कभी भी एक अच्छी ड्राईवर नहीं हो सकती फिर भी उसकी जिद को देखते हुए वो उसे सीखा रहा था

अभी तक तो वो वो मैदान में या सूने इलाकों में ही प्रैक्टिस कर रही थी लेकिन, आज से उसने मुख्य मार्ग पर भी अभ्यास करना आरंभ कर दिया था तो ट्रैफिक की वजह से कार को सँभालने में उसे कुछ दिक्कत हो रही थी जिसे देखकर उसका पति केवल मंद-मंद मुस्कुरा रहा था और उसकी इस व्यंग्यात्मक हंसी ने ‘रागिनी’ का मूड ऑफ कर दिया पर, उसे कुछ कहने की बजाय वो अपनी ड्राइविंग से जवाब देना चाहती थी तो चुपचाप स्टेयरिंग घुमा रही थी लेकिन, तभी अचानक सामने से आते ट्रक को देखकर उसने ब्रेक लगाया जिससे पीछे से आती गाड़ी उससे टकरा गयी और उसकी कार को जोर से धक्का लगा तो उसका संतुलन बिगड़ जिसे वो संभाल न सकी और उसकी कार का एक्सीडेंट हो गया

इस पर उसके पति ने चिल्लाकर कहा, मैं पहले से कह रहा था ये कोई रोटी बेलने जैसे आसान काम नहीं इसके लिये दिमाग की भी जरूरत होती जो आपके पास हैं नहीं उस पर कमजोर इतनी कि कार तक संभालती नहीं उसकी बात सुनकर उसने अर्थपूर्ण ढंग से सामने दीवार की तरफ नजरें घुमाई तो उसके इशारे को समझने उसने भी उस तरफ देखने की कोशिश की तो दीवार पर चारों तरफ मर्दानगी कमजोरी के विज्ञापन लिखे हुये थे  
       
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

०२ नवंबर २०१७

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