बुधवार, 1 नवंबर 2017

सुर-२०१७-३०३ : भारत के दो लाडलों का जन्मदिवस आया... ‘मध्यप्रदेश’ और ‘नरसिंहपुर’ का गौरव गान हमने गाया...!!!



आज यदि ‘भारत माता’ के हृदय में बसने वाले उसके लाड़ले बेटे ‘मध्यप्रदेश’ का जन्मदिन हैं तो उसके साथ ही ‘मध्यप्रदेश’ के प्रिय पुत्र ‘नरसिंहपुर’ का भी जयंती हैं याने कि एक साथ पिता-पुत्र का जन्मोत्सव आज मनाया जा रहा जो बड़े ही गौरव का विषय हैं क्योंकि जिस तरह ‘मध्यप्रदेश’ अपनी विशेषताओं की वजह से देश के दिल में धड़कता हैं उसी तरह से उसका ये बेटा भी किसी से कम नहीं जो अपनी आन-बान-शान के लिये जाना जाता हैं और यही वजह कि यहाँ के लोगों के बारे में एक कहावत प्रचलित हैं कि ‘और कछू न होय, मनो नरसिंहपुरिया हो’ याने कि आप अगर कुछ भी नहीं हैं केवल नृसिंह भगवान् की इस पावन भूमि के निवासी है तो इतना भी आपके लिये पर्याप्त हैं फिर उस पर सोने पर सुहागा कि वो ‘मध्यप्रदेश’ के उस हिस्से में स्थित जिसे माँ नर्मदा का विशेष स्नेह प्राप्त जिसकी वजह से यहाँ की मिटटी देश ही नहीं विदेशों में भी अव्वल नंबर पर अपनी उपस्थ्तिती दर्ज करवाती कि इतनी उपजाऊ दूसरी कोई मिट्टी नहीं जहाँ सब कुछ पैदा ही नही होता पनप भी जाता कि कुदरत ने इसे इतनी नेमतें बख्शी जो हर एक उपज के लिये अनुकूल तो इतनी गौरवशाली धरा पर जन्म लेने वाला क्यों न खुद पर इतराये और सबको बताये कि वो ‘नरसिंहपुरिया’ हैं कि इस भूमि पर अनेक विभूतियों ने भी जन्म लेकर इसे भारत के नक्शे पर ही नहीं विश्व के मानचित्र पर भी उभारने के प्रेस किये जिसका प्रमाण केवल आचार्य रजनीश या महर्षि महेश योगी या भवानी प्रसाद मिश्र ही नहीं कई ऐतिहासिक महापुरुष और वीरांगनाएँ भी हैं जिन्होंने अपने जीवन की आहुति देकर इसे अमर बना दिया...

उसी नरसिंहपुर की पवित्र धरती को समर्पित ये चंद पंक्तियाँ...

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धरा नरसिंह की ये पावन,
यहां प्रह्लाद बसते हैं
समझते खुद को सिंह नर में,
यहां जो लोग रहते हैं
इसे सींचा माँ रेवा ने
नहीं मिट्टी ये सोना हैं
नहीं नगरी कोई ऐसी
ये सारे लोग कहते हैं
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तो आज इन दोनों महानतम हस्तियों के जन्मदिवस पर उनके साथ-साथ आप सबको भी बहुत-बहुत बधाई... :) :) :) !!!           
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

०१ नवंबर २०१७

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