रिश्तों
में नजदीकियां अच्छी हैं लेकिन,
उन्हें लम्बे समय तक बरकरार रखने के लिये मध्य में थोड़ी-सा रिक्त
स्थान भी जरूरी हैं जिससे कि वो साँस ले पाये अपनी मर्जी से थोड़ा-सा जी पाये
अन्यथा ज्यादा करीबी घातक बन सकती निरर्थक भी...
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'शब्द' भी
गर
सटाकर
एक
दूसरे के साथ
लिख
दिये जाये
तब
वो अर्थहीन हो जाते
पढ़ने
में भी नहीं आते
.....
'शख्स' भी
जब
होते पास-पास
एकदम
करीब तो
उनके
रिश्ते भी
बेमानी
हो जाते हैं
कई
बार टूट भी जाते
.....
इसलिये...
'शब्द' हो या 'शख्स'
एक
अंतराल जरूरी हैं
उन्हें
सार्थक बनाने के लिये ।।
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फ़ासला ही मायने देता 'शब्द' और
'शख्स' को
इसलिये इसे भी बनाये रखना निहायत जरूरी हैं... :) :) :) !!!
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© ® सुश्री
इंदु सिंह “इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
२१ नवंबर २०१७
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