प्रश्न की गेंद
उसने मेरी तरफ
उछाली
पर, मैंने
उस सवालिया गेंद को
न लपक उसे वापस
कर दिया
उम्मीद के
विपरीत इस
रिवर्स शॉट को
पाकर वो चकराया
फिर उसने बड़ी
जोर से उसको
मेरी तरफ दुबारा
फेंका
तो इस बार मैंने
उस सवाल को
लौटाने की जगह
ऊपर आसमां में
उछाल दिया
पर, ख़ामोशी
के सिवाय
कुछ भी न पाया
फिर भी...
ये कमबख्त दिल
अब तक
प्रतीक्षा में
हैं कि वो
उपरवाला क्या
जवाब देता हैं ।।
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© ® सुश्री
इंदु सिंह “इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
१९ जनवरी २०१८
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