सोमवार, 21 जनवरी 2019

सुर-२०१९-२१ : #दिल_लुभाती_मन_बहलाती #शौख_चंचल_भोली_भाली_गीताबाली




यूँ तो देश की हर एक लड़की खुद को ‘देसी गर्ल’ समझती है और इसमें कोई बुराई भी नहीं यदि इसका पैमाना केवल देश में रहने के आधार पर इस ख़िताब को रेखांकित करता हो मगर, बात यदि सच्चे देशी सौन्दर्य की हो तब ख़िताब की यदि कोई सच्ची हकदार है तो वो है दिलफरेब दिलकश भारतीय सौन्दर्य के प्रतिमान पर खरी उतरती अभिनेत्री ‘गीता बाली’ जिसका लुभावना बालसुलभ व्यक्तित्व ही नहीं आँखें, गाल और हर एक नाजो-अंदाज उसे गाँव की गोरी के रूप में एकदम सटीक दर्शाता है

जिसे देखकर कोई भी उस पर रीझ सकता है पर, उसमें आज की अभिनेत्रियों की तरह कामुकता का लेशमात्र भी नहीं हैं जो उसे एक दैवीय आभामंडल से भी सुशोभित करता है इसलिये उसे देखकर मन में लहर तो उठती है मगर, वो आंतरिक भावों को सयंमित ही रखती है ये उस दौर की अधिकांश अभिनेत्रियों की विशेषता थी या बोले की उस समय के माहौल व परिवेश का असर कि ये नायिकायें फिल्म में काम करने के बाद भी दर्शकों के भीतर अपने लिये वासना नहीं आदर की भावना जगा पाती थी जो आज दुर्लभ है

क्योंकि, आज की शीर्ष अदाकारा भी न तो समाज न ही अपने राष्ट्र के प्रति अपना कोई नैतिक कर्तव्य समझती है बल्कि, वो तो इस तरह के दृश्य करने में भी कोई परहेज नहीं करती जो महज़ अंग-प्रदर्शन के नाम पर फिल्मों में बेवजह रखे जाते है जबकि, उस समय तो हीरोइन मर्यादा का पूर्ण पालन करती थी वो अपनी जवाबदारी समझती थी जब तक उसे न लगे कि इसकी आवश्यकता है वो उस तरह के सीन्स से परहेज करती थी यही वजह कि उनकी वो छवि आज तक कायम है लोग आज भी उन्हें सम्मान के साथ याद करते है

‘गीता बाली’ ने भी हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में अपना ऐसा मकाम बनाया कि उनके लिये लिखे गये रोल्स उनके खाते में अपने आप आते गये जिनमें उन्हें अपनी भोली-भाली इमेज बनानी नहीं पड़ी बल्कि, वो तो नैसर्गिक ही उनके पास थी जिसमें उन्होंने अपनी अदाओं से ऐसा रंग जमाया कि हर किरदार जीवंत हो उठा चाहे वो ‘बावरे नैन’ हो या ‘अलबेला’ या ‘सुहागरात’ या ‘बारादरी’ या फिर ‘जाल’, ‘पॉकेटमार’ या ‘जेलर’, ‘बाजी’ सभी में उनके द्वारा अभिनीत भूमिकायें अपनी छाप छोडती है जिन्हें देखकर अदाओं के जादूगर शम्मी कपूर भी ऐसे मोहित हुये कि अपने परिवार के खिलाफ जाकर भी उन्हें अपनी अर्धांगिनी बना लिया और अंतिम समय तक अपने रिश्ते को निबाहा

यही वो आज का दिन जब वे अपनी बीमारी की वजह से असमय ही अल्पायु में हम सबको छोड़कर चली गयी थी आज उनकी पुण्यतिथि पर उस मासूम अदाकारा को उसके चाहने वालों की तरफ से ये शब्दांजलि...!!!
        
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
जनवरी २१, २०१९

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