शनिवार, 5 जनवरी 2019

सुर-२०१९-०५ : #गलत_हमेशा_गलत_होता #कुतर्कों_से_वो_सही_नहीं_हो_जाता




देश के एक बड़े राष्ट्रीय दल के अध्यक्ष लगातार संसद में बैठकर आँख मार-मारकर उसकी गरिमा भंग कर रहे और उनके चाहने वाले उतनी ही शिद्दत से उनका बचाव कर रहे है जब सोशल मीडिया पर चाटुकारिता की हद देखी और उसे न्यायसंगत ठहराने तरह-तरह के कुतर्कों से भरी पोस्ट्स देखी वो भी फेक फेमिनाओं द्वारा तो कलम स्वतः उठ पड़ी उनकी नजर में वो ‘हाउ सो क्यूट टाइप’ हरकत है जिसमें उन्हें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा बल्कि, वे तो पैरवी कर रही कि विदेशों में तो ये बड़ा आम है तो लगा कि सेलेक्टिव पॉलिटिक्स व इस पक्षपातपूर्ण रवैये की वजह से ही गलत करने वाले शह पाते और उन्हें लगता कि वे चाहे जो भी करने के हकदार है उनके चाहने वाले तो उन्हें बचा ही लेंगे जबकि, बुद्धिजीवियों को तो लोगों को सच बताने का काम करना चाहिये न कि अपनी बौद्धिकता का दुरुपयोग कर अवाम को भटकाने वाली मोहरे बनना चाहिये इस बिकी हुई बौद्धिकता ने ही देश को पीछे खींचने का काम किया है     

चालीस की उम्र कोई बचकाना हरकत करने की नहीं होती उस पर जब आप देश की बागड़ोर सम्भालने की जिम्मेदारी लेने के इच्छुक भी हो तो जरूरी है कि आपका व्यवहार भी उसके अनुकूल हो नहीं तो आपको देखकर आपके अनुयायी भी वही सब करने की प्रेरणा प्राप्त करेंगे पर, आपको समझाये कौन ? क्योंकि, आपके साथी भी बचपने का शिकार जो संसद में बैठकर कागज़ के प्लेन उड़ाते वो भी तब जब संसद में गंभीर बहस चल रही होती है जब आप ही स्पीकर का सम्मान नहीं करेंगे तो फिर युवा किस तरह से अपने बड़ों का करेंगे ये आप किस तरह की शिक्षा देना चाहते है ये समझ नहीं आ रहा उस पर आपके एजेंट्स जिस तरह से आपका पक्ष ले रहे ये आपको सही दिशा नहीं दिखायेगा बल्कि, इससे भी ज्यादा आगे बढ़ने के लिये उकसायेगा तो बेहतर कि युवाओं के रोल मॉडल बनने हेतु अपना रवैया बदले अन्यथा भविष्य में इतिहास में आपकी ये छवि आपको नुकसान पहुचायेगी और राष्ट्र भी शर्मिन्दा होगा कि ये उस खानदान से है जिसने राष्ट्रपिता दिया था

जो फेक फेमिनायें या भक्त इसे सपोर्ट कर रहे उनके लिये ये विशेष पंक्तियाँ...

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आंख मारना अच्छा है
यदि कोई मारे तो बुरा न माने
बल्कि, पलटकर उसी अदा में जवाब दे
अब ये दुआ-सलाम का राष्ट्रीय तरीका है
कोई-भी लड़की शिकायत न करें
इसे बे-अदबी समझा जायेगा
आंख मारने वाले की इज्जत करें
देश का भावी प्रधानमंत्री
देश के नवजवानों को ये बता रहा
आंख मारना या गले पड़ना
कोई गलत बात नहीं
उसे चाहने वाली लड़कियां भी
सोशल मीडिया पर ये कह रही कि,
इसमें कुछ भी गलत नहीं
बल्कि, विदेशों में तो ये बेहद आम है
जाने क्यों सदन इसे
गरिमा के खिलाफ बता रहा
जबकि, इससे तो प्रिया प्रकाश की
दुनिया में पहचान बन गयी
अब तो लड़कियां भी इससे सहमत
तो लड़कों जितनी चाहे उनको आंख मारो
यदि वे गुस्सा करें या आंख दिखाये तो
फिर से एक आंख मारो
फिर भी न माने तो
उनके लिखे का स्क्रीनशॉट दिखाओ
फिर भी कहे कुछ तो पूछो
क्या सिर्फ उसको ये अधिकार हैं
हमारे आंख मारने में कौन सी बुराई हैं
या उसके इतने बड़े अनुयायी हो
कि उसकी मूर्खताएं भी भली लगती
उसकी गलतियों पर प्यार आता
जबकि, गलत तो सिर्फ गलत होता है
चाहे करने वाला कोई हो
इसमें भी सेलेक्टिव जो बन रहे
कल वो उसके बड़े घोटाले करने पर भी
उसको मासूम व निर्दोष बतायेंगे
ये किसी के भी प्रति सबसे घातक भक्ति है
बोले तो चाटुकारिता की चरम सीमा है
सच्चे दोस्त तो वो होते जो
अपनों की गलतियाँ बताते न कि
उस पर पर्दा डालते
जो उसे शह देते वो पछताते
जरा सोचना बैठकर तो जान पाओगे कि,
इसे ही तो अंधभक्त होना कहते है  
जो अच्छा लगता उसकी हर बात अच्छी
जो नापसंद उसकी अच्छाई भी बुराई लगती
यही सोच का फर्क है
जो नजर आ रहा
अब भी वक़्त है यारों,
सम्भल जाओ...!!!
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अपनी उन फेक फेमिनाओं से यही कहना चाहूंगी कि यदि इनका आँख मारना आपको अच्छा लग रहा है तो फिर किसी दूसरे के आंख मारने को किस तरह गलत ठहरायेगी... एक बार सोचियेगा जरुर ???        

#आँख_मारे
#वो_लड़का_आँख_मारे

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
जनवरी ०५, २०१९

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