मंगलवार, 12 मार्च 2019

सुर-२०१९-७१ : #चौकीदार_का_अपमान #अब_नहीं_सहेगा_हिंदुस्तान




किसी बच्चे से उसके दोस्त ने पूछा, तुम्हारे पापा क्या करते है उसने बड़े गर्व से कहा, वो तो ‘चौकीदार’ है तो अगले के मुंह से बेसाख्ता ही निकल गया ‘चौकीदार चोर है’ जिसे सुनकर आस-पास खड़े सभी बच्चे जोर-जोर से हंसने लगे और वो बच्चा सकपकाकर शर्मिंदगी से भर गया मुंह से शब्द न निकले आँख में आये आंसू छिपाकर चुपचाप घर चला गया

इसमें बोलने वाले की भी गलती नहीं वो दिन-भर यही सुनता रहता तो उसके मस्तिष्क में वो शब्द इसी तरह से फीड हो गये फिर जैसे ही उसने ‘चौकीदार’ सुना ‘चोर है’ अपने आप जोड़ दिया क्योंकि, उसे तो यही रटवाया गया था उसे भी क्या पता कि ये इतना उथला या निम्नतम वाक्य नहीं कि किसी से भी कह दिया जाए उसे क्या खबर कि ‘चौकीदार’ एक जॉब या पोस्ट उसे तो सुन-सुनकर यही समझ आया कि चौकीदार चोर है ।


कांग्रेस अध्यक्ष माननीय राहुल गांधी जी लगातार बार-बार 'चौकीदार चोर है' कहकर किसी और का तो पता नहीं मगर, एक सम्मानित पेशे और पद का निरंतर अपमान करते जा रहे है वे इतने तो नासमझ या भोले नहीं जो उन्हें ज्ञात न हो कि 'चौकीदार' किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं बल्कि, एक बड़े वर्ग व सेवाधारी का एक ओहदा है जो इतना जिम्मेदारी भरा कि अगर उसके साथ 'चोर' शब्द जुड़ जाये तो उसके लिए रोजी-रोटी कमाना ही नहीं सम्मान के साथ जीना भी मुश्किल हो जाएगा क्योंकि, उस पर तो सब भरोसा कर के निश्चिंत सोते है । उसका होना लोगों को दिलासा देता कि अगर चौकीदार ईमानदारी से अपना काम कर रहा, अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रहा तो डरने की कोई बात नहीं उसके जान-माल दोनों सुरक्षित है फिर उसका इस तरह अपमान करना तो सही नहीं जबकि, ये असंवैधानिक ही नहीं एक पेशे पर सरासर इल्जाम है

अपार जनसमूह के बीच न केवल ये कहना बल्कि दोहराना और उनसे भी तरह-तरह से ये कहलवाना किस तरह जनमानस में चौकीदारों की छवि को खराब कर रहा इसका उन्हें अंदाजा नहीं वो किस तरह की परिस्थितियों का सामना कर रहे या किस तरह ‘चौकीदार’ कहते ही लोग स्वतः ही ‘चोर है’ कहकर उसका मजाक बना रहे वो जो अपने कंधों पर सबकी जिम्मेदारी का भार लेकर रातों में गश्त करता, चोर-अपराधियों का सामना करता उसे बदले में ये सुनने मिलता कि वो ‘चोर है’ तो उसका सर किस तरह शर्म से झुक जाता है । उन्हें यदि किसी पर आक्षेप लगाना या किसी को चोर बताना तो व्यक्तिगत तौर पर उसका नाम लेकर इंगित करें न कि एक समुदाय को इस तरह से कटघरे में खड़ा करें या उसके पेशे पर प्रश्नचिन्ह लगाये जिसकी वजह से उसको या उसके परिवार को कभी-भी इस तरह की परिस्थिति का सामना करना पड़े कि वो खुद को अपमानित महसूस करें या अपना कार्य उसे चोरी लगे या फिर वो सचमुच ही गुस्से में आकर चोर ही बन जाए आप यदि आतंकी को ‘जी’ कह सकते तो क्या चौकीदार के लिये आपके अंतर में कोई सम्मान नही है ये सोचना भी आपका नैतिक फर्ज है ।

उनको अहसास नहीं कुछ के मन में तो ये नारा सुनकर क्रोध भी उबल आता होगा कि जब हम पूर्ण जवाबदारी व सेवा भावना से अपनी नौकरी निभा रहे तब ये सुनने मिल रहा तो इससे बेहतर चोर ही बन जाये कम से कम अपने परिवार वालों को तो सुखमय जीवन दे पाएंगे और माना एक भी इस राह पर चला गया तो इसका जवाबदेह कौन होगा ???

क्या वे जानते नहीं कि ‘चौकीदार’ होता क्या है ?

एक ईमानदार चौकीदार निष्पक्ष रूप से अपने मालिक की सुरक्षा में अपना तन और मन न्योछावर कर देता है वह अपने मालिक की सुख और शान्ति के लिए तमाम रात जाग कर एक प्रहरी की तरह गर्मी, सर्दी और बरसात में जाग कर उसकी सुरक्षा में तत्पर रहता है और अपने मालिक के द्वारा दी गयी पगार में ईमानदारी से अपने परिवार का पालन करता है

शेष कहानी...

जब चौकीदार का बच्चा रोता-रोता उसके घर पहुंचा तो उसे आंसुओं से एक पिता का हृदय द्रवित हो गया जो ये तो जानता था कि कहने वाले का आशय उसके प्रति नहीं है मगर, बालमन को किस तरह से समझाये तो उसे बहलाकर सुलाया और बैठ गया एक आवेदन लिखने...

माननीय राहुल गाँधी जी,

आप से विनम्र निवेदन है कि आप अपने राजनैतिक मामलों में हम गरीब व ईमानदार चोकिदारों को न घसीटे आपको जिससे भी जो भी शिकायत है आप सीधे-सीध उस व्यक्ति का नाम लेकर उस पर इल्जाम लगाओ न कि हमारी आड़ लेकर अपने तीर चलाओ क्योंकि, आप जानते नहीं कि आप जितनी बार ‘चोकीदार चोर है’ बोलते उतनी ही बार वो जहर बुझे तीर सीधे हमारे दिलों में आकर लगते है जिसकी चुभन अब बर्दाश्त नहीं हो रही और चुनाव के आते ही जिस तरह आपने अपनी रैलियों में इस कु-मन्त्र का जाप शुरू किया है लगता आपके ऐसा करने से इन्टरनेट, गूगल या जनता के जेहन में ही नहीं समस्त ब्रम्हांड में ये इस कदर चस्पा हो जायेगा कि जब भी कोई ये ‘चोकीदार’ बोलेगा ‘चोर है’ की प्रतिध्वनि बनकर वो गूंजेगा जिसके शोर में हमारा वर्तमान व भविष्य दोनों ही बर्बाद हो जायेंगे तो आप से करबद्ध प्रार्थना है कि कृपया हमारे जीवन से खिलवाड़ न करें न ही राजनीति में हमारा इस्तेमाल करें सधन्यवाद

आपका एक अदना सेवक-

‘चोकीदार’ (जो चोर नहीं है)     

#चौकीदार_चोर_नहीं_है
#ईमानदार_चौकीदार_सुरक्षित_जानमाल

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© ® सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
मार्च १२, २०१९

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