शनिवार, 16 मार्च 2019

सुर-२०१९-७५ : #चेतावनी




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चमन वीरान है
कलियाँ भी खुद में सहमी है
आये बौर आम पर 
कोयल मगर, चुपचाप है
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नुच गये पंख तितलियों के
चिड़ियों को लील गयी आधुनिकता
फागुन की चली बयार लेकिन,
बुलबुल का स्वर उदास है  
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भंवरों ने ही लुट लिया
खिले गुलशन को दिया उजाड़
तोता रहा पुकार पर,
पिंजरे में पड़ी मैना की लाश है
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हवसी भेड़िये
खा रहे बोटियाँ नोच-नोचकर
दबा दी गयी यहाँ
बोलती बेटियों की आवाज़ है  
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देखो,
चाहे जिस भी तरफ
आ रहे गिद्ध उड़ते नजर
कौओं का है बोलबाला
शोर मचा रहे खूनी चमगादड़
हुई गोरैया घायल है   
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उठो जागो,
सोने का मत करो नाटक
चेत जाओ यारों
निकट आ रही कयामत है
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#Awake_India
#Listen_Voice_Of_Nation

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© ® सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
मार्च १६, २०१९

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