शैफाली,
जल्दी करो चिया की प्रिंसिपल ने हम दोनों को
मिलने के लिए सुबह 10 का टाइम दिया
है ।
रोनित, तुम्हें क्या लगता उन्होंने हमें क्यों बुलाया
होगा ।
मुझे कोई
आईडिया नहीं वही जाकर पता चलेगा चलो वी आर ऑलरेडी लेट ।
प्रिंसिपल
चैम्बर में पहुंचकर जब प्रिंसिपल ने बोलना शुरू किया तो दोनों के चेहरे की हैरानी
बढ़ती रही और उसी रफ्तार में आंखों का दायरा भी आश्चर्य से फैलता गया ।
मि. एंड मिसेज
मल्होत्रा कल 'चिया' की क्लास टीचर ने बच्चों को 'आप अगले जनम में क्या बनना चाहोगे' विषय पर लिखने एक टास्क दिया तो आपको पता आपकी
बेटी ने उसमें जो लिखा वो आज के अधिकांश बच्चों के मन की बात है जो वो महसूस तो
करते पर, बोल नहीं पाते और इस टास्क का
उद्देश्य भी यही था कि उनकी अनोखी विश का पता लगाया जा सके तो वही हुआ भी सभी
बच्चों ने कुछ अटपटी ख्वाहिश ज़ाहिर की पर, चिया
ने लिखा कि, "मैं अगले जनम
में भी अपने ही मम्मी-पापा की बेटी ही बनना चाहती हूं बस, मेरी इच्छा ये है कि अगले जनम में मेरी माँ हाउस वाइफ हो ताकि मैं उनके
साथ अधिक वक़्त बिता सकूं और पापा थोड़े फ्रेंडली हो जिनसे मैं बेहिचक हर बात शेयर
कर सकूं" तो आप दोनों को यहाँ बुलाने का मकसद यही कि हम जान सके कि आप क्या
अपनी बेटी को पर्याप्त समय नहीं देते जो वो ऐसा लिख रही है ।
मैम, ये सही है वर्किंग वुमन होने की वजह से उसके साथ
कम समय बिताती हूं पर, क्या करूँ काम
भी तो जरूरी है और अगर, हाउसवाइफ ही
रही तो फिर उसे इतने महंगे स्कूल में पढ़ाना डॉक्टर बनाना किस तरह सम्भव होगा आप
खुद भी वर्किंग वुमन है ये समझती होंगी कि ये कॉम्पिटिशन का दौर जिसके लिए
पति-पत्नी को मिलकर घर चलाना पड़ता है ।
एक्सक्यूज़ मी,
क्या मैं अंदर आ सकती हूं ।
अरे, मिसेज शर्मा आइये आइये बैठिये । मैं जब तक मिसेज
शर्मा से बात करूं आप दोनों चिया की स्क्रिप्ट पढ़ ले ।
जी कहिये कैसे
आना हुआ मिसेज शर्मा ।
जी, वो कल दिव्यांशी की क्लास टीचर ने माय फैमिली पर
निबंध लिखवाया तो उसमें पापा को तो ऑफिस जाते लिखाया पर, मम्मी को किचन में खाना बनाने भेज दिया अब जबकि, समय बदल गया तो क्या हमारी स्टडी में भी वो चेंजेस नहीं दिखना चाहिए
ऐसे में तो बच्चों के मन में मम्मा की इमेज बदलने से रही वो उसे किचन में ही देखने
के अभ्यस्त रहेंगे जबकि, अब तो पापा लोग
भी खाना बनाते है ।
उसकी बात मिसेज
मल्होत्रा और प्रिंसिपल दोनों ने विस्मय से एक-दूसरे को देखा कि ये बदलाव का वक़्त
जहां स्त्री समय ही नहीं इतिहास को भी बदल रही और संक्रमण काल में छवियों का
ओवरलैप होना बेहद सामान्य बात है ।
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© ® सुश्री इंदु
सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर
(म.प्र.)
अप्रैल २८,
२०१९
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