सोमवार, 8 अप्रैल 2019

सुर-२०१९-९८ : #बलिदानी_मंगल_पांडे #भारतमाता_फिर_बुलाये




देश नहीं वीरों से खाली
जब-जब भी आता संकट कोई
रोक नहीं पाता खुद को
मातृभूमि से प्रेम करता जो भी
जिस मिट्टी में पाया जनम
उसकी खाकर कसम
बांध लेता सर पर वो कफन
चल पड़ता उस पथ पर
आज़ादी मिलती हो जिस पर
भले, कांटो भरी राह हो
रुकते नहीं उठ पड़े जब कदम
मंगल पांडे ने जब देखा
अत्याचारों की नहीं सीमा रेखा
फिरंगियों ने लांघी मर्यादा
करना होगा अब इनका सामना
देना होगा जवाब इनको
कर दिया प्रतिकार
उठाकर बंदूक दिया ललकार
नहीं सहेंगे जुल्म किसी का
लेकर रहेंगे आज़ादी
चाहे बदले में मिले फांसी
न रुकेगी ये आंधी
भारतमाता की रक्षा में सपूत
देगा हर तरह की कुर्बानी
जीवन तो है फानी
बेहतर कि देश की खातिर
हो जाये खाक जवानी
लेकर संकल्प किया विद्रोह
बना जो फिर...
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
रचा जिसने अद्भुत इतिहास
मंगल पांडे का ये शौर्य
गाथा जिसकी भूले न हम
याद दिलाने हमको
आया बलिदान दिवस आज
करते उनको सलाम
राष्ट्र के लिए गंवाये जिसने प्राण
जय हो मंगल पांडे
जय हो तुम्हारी सदा ही
भारतमाता को करने स्वतंत्र
अभूतपूर्व किया कमाल ।।

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© ® सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
अप्रैल ०८, २०१९

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