मंगलवार, 9 अप्रैल 2019

सुर-२०१९-९९ : #पैकिंग_नहीं_क्वालिटी_देखकर #प्रोडक्ट_खरीदना_बुद्धू_मत_बनना




प्लीज़, मौसी इसे दिला दो न... प्लीज़, प्लीज़...

क्या है दिखाओ ?

मौसी, ये एक नये तरह की चॉकलेट है इसके अंदर गिफ्ट में डॉल भी निकलेगी प्लीज़ दिला दो न...

पिछली बार भी तुम ऐसी ही एक बिस्किट के लिये मचली थी याद है की नहीं जिसमें कुछ न निकला बिस्किट्स भी तुमने नहीं खाये क्योंकि, स्वाद अच्छा नहीं था अब फिर इसके लिए जिद करने लगी छोड़ो इसे सब कम्पनियां ऐसे ही धोखा देती बस, पैकिंग अच्छी करती अंदर तो कचरा ही भरा रहता है ।

बस, एक बार दिला दो मौसी फिर कभी नहीं कहूँगी ।

पिछली बार भी तो तुमने यही कहा था ।

सच्ची, इस बार पक्का वाला प्रॉमिस मौसी, मुझे बहुत समय से यही डॉल चाहिए थी इसलिए जिद कर ही पर, फिर कभी न मांगूगी कुछ ।

ओ.के. ले लो मगर, ध्यान रखना ये लास्ट चांस है ।

बिलकुल, थैंक यु मौसी आप बहुत अच्छी हो ।

उसने तुरन्त उसे खोला मगर, अंदर से केवल एक प्लास्टिक का छल्ला निकला जबकि, ऊपर डॉल का चित्र छपा था जिसके लालच में उसने वो चॉकलेट खरीदी थी ये देख उसका मुंह उतर गया ।

उसके लटके चेहरे को देखकर वो माजरा समझ गयी और मन ही मन सोचने लगी तुम तो अभी बच्ची हो लेकिन, देश में तो बड़े-बड़ों का यही हाल है जो चुनाव के समय केवल, उपरी ताम-झाम देखकर और झूठे वादे सुनकर छलावे में आ जाते है ।

#So_Many_Manifesto
#Be_Smart_Choose_Best
  
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© ® सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
अप्रैल ०९, २०१९

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