शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

सुर-२०१९-९५ : #अमेरिका_पर_पूरा_भरोसा #देश_की_सेना_झूठी_करती_धोखा




ये मेरा नहीं इस देश के चंद बुद्धिजीवी, लिटरल्स, कांगी, वामियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग का कथन है जो ‘पुलवामा अटैक’ के बाद देश की सेना द्वारा की गयी ‘एयर स्ट्राइक’ के बाद से ही तिलमिलाई फिर रही थी क्योंकि, उसे यकीन ही नहीं हो रहा था ऐसा भी हो सकता है अब तक तो वे यही देखते आये कि पाकिस्तान से आये आतंकवादी जो चाहे करें हमारे कितने भी सैनिकों को मारे पर, हम पलटवार नहीं शांतिपूर्ण तरीके से वार्तालाप करते है आखिर, वे भटके हुये इन्सान जो गलती से ऐसी हरकत कर देते जिसकी सजा किसी देश को देना तो सरासर अन्याय है इसलिये इन्होने हमारे 40 से भी अधिक CRPF जवानों के मारे जाने संवेदना व्यक्त करना तक तो छोड़ो श्रद्धांजलि तक व्यक्त नहीं की बल्कि, फटाफट सरकार से सवाल करना शुरू कर दिये क्योंकि, इनका मानना कि सवाल तो बनता है जिसमें कोई बुराई नहीं पूछना ही चाहिये कि ये किस वजह से किस लापरवाही से हुआ मगर, ये नहीं भूलना चाहिये कि जो मरे वो देश के सैनिक थे मगर, जब अगले का उद्देश्य किसी भी तरह सरकार को नीचा दिखाना या व्यक्ति विशेष को टारगेट बनाना हो तो फिर उसे अपने स्वार्थ के सिवा कुछ याद नहीं रहता है

इनको भी देश के सिपाहियों से ज्यादा इस बात की चिंता थी कि इस मौके को गंवाना नहीं तो धडाधड सवाल दागने शुरू कर दिये जो निराधार थे तो जवाब किस तरह मिलते इसलिये उनका गुस्सा भडकता रहा ऐसे में सरकार ने सेना को खुली छूट देकर घटना के महज 13वें दिन 26 फरवरी को इस आतंकी हमले का बदला ले लिया तो वो भी हजम न हुआ और सब एक स्वर में रेंकने लगे ‘सबूत-सबूत-सबूत’ पर, जिनका काम केवल शोर मचाकर हंगामा खड़ा करना हो वे जवाब सुनते नहीं तो इन्होने भी न सुने इसके बाद 27 फरवरी को पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्यवाही की जिसमें विंग कमांडर ‘अभिनंदन’ को पाकिस्तान सेना द्वारा गिरफ्त में ले लिया गया । तब इनको लगा मानो इनकी लोटरी लग गयी तो फिर सरकार पर चढ़ाई कर दी लेकिन, इनकी कैंडल मार्च की तैयारियों व प्रश्नों की लिस्ट धरी की धरी रह गयी जब क्रूर पाकिस्तानियों द्वार उसे 2 दिन के भीतर वापस कर दिया गया साथ ही अभिनंदन द्वारा पुराने MIG-21 से पाकिस्तान के F-16 को गिराये जाने से जो असम्भव कारनामा किया गया वो भी इतिहास बन गया तो ये समझ नहीं पा रहे थे कि अब किस तरह रिएक्ट करें

इसलिये पिछले कई दिनों से लापता होकर चुपचाप कहीं बैठे थे मगर, जैसे ही गुरुवार को अमेरिका की ‘फॉरेन पॉलिसी’ नाम की एक पत्रिका ने यह खबर प्रकाशित की कि, “पाकिस्तान के पास मौजूद एफ-16 विमानों की अमेरिका द्वारा की गई गिनती से यह पता चला है कि उनमें एक भी विमान कम नहीं है" तो मानो मरते हुये व्यक्ति को नया जीवन मिल गया सब फिर एक सुर में भौंकने लगे अब कहाँ गयी सेना जो प्रेस कांफ्रेस कर F-16 मार गिराने के बड़े दावे कर रही अब सरकार चुप क्यों है ? जब भी इनकी इस तरह की हरकत देखती या पढ़ती हूँ तो समझ नहीं आता कि क्या वाकई ये इस देश के निवासी है, क्या सचमुच इन्हें देश से प्रेम है, क्या इनकी कोई विशेष ट्रेनिग होती जहाँ इनको देश के खिलाफ शिक्षा दी जाती क्योंकि, चाहे देश कितनी तरक्की कर ले या आसमान ही क्यों न छू ले या अन्तरिक्ष में अपनी पॉवर साबित क्यों न कर दे ये कभी संतुष्ट नहीं होने वाले क्योंकि, इनका एकमात्र उद्देश्य हर हाल में उस सरकार पर ऊँगली उठाना है जो इनको पसंद नहीं वजह चाहे जो हो पर, ये सत्य कि ये सरकार इनके मन की नहीं तो ये बस, अवसर की तांक में रहते भले इसके कारण इन्हें देश की सेना को ही क्यों न कटघरे में खड़ा करना पड़े या देश के खिलाफ ही क्यों न कहना पड़े पर, अपनी नफरत में इन्हें कुछ भी नजर नहीं आता ये कभी स्वीकार नहीं करना चाहते कि सरकार कुछ-भी अच्छा कर सकती है तो अपनी इस इर्ष्या ने इन्हें इतना नीचे गिरा दिया कि इन्हें अहसास ही नहीं हुआ कि कब ये सरकार की जगह देश के ही खिलाफ हो गये

जिसका ताजा-तरीन प्रमाण यही कि इनको ‘अमेरिका’ पर तो पूरा विश्वास है लेकिन, सेना पर नहीं जिसने प्रेस कांफ्रेस कर सबूत दिखाये शायद, इन्हें लगता कि हमारी सेना में ऐसा शौर्य नहीं कि वो ये कारनामा कर सकती है जबकि, एक सच्चा देशप्रेमी अपनी सेना के साथ खड़ा होता यदि वो कह रही कि उसने मारा तो हमारे लिये यही गर्व की बात होती यदि हमारी सेना पाकिस्तना के अंदर घुसकर पेड़ गिराकर भी आती तो हमें गर्व करना चाहिये कि उसने दुश्मन के घर में घुसने की हिम्मत दिखाई जो उसके मनोबल को तोड़ने काफी पर, इनका एजेंडा तो अपनी सेना का मनोबल खत्म करना है इसलिये वायुसेना को आज फिर ये कहना पड़ा कि, “''नौशेरा सेक्टर में हवाई झड़प के दौरान भारतीय वायुसेना के मिग 21 बाइसन विमान ने एक एफ-16 को मार गिराया था” । फिर भी जिन्हें अमेरिका पर अधिक यकीन वे करें हमें अपनी सेना के साहस पर तनिक भी शंका नहीं उसमें इतना दम-ख़म कि वो चाहे तो पाकिस्तान का नामो-निशान भी मिटा सकती है और ये कोई कल्पना या खोखला दावा नहीं वो पहले भी ऐसा कर चुकी है                     

#Trust_Our_Air_Force
#Proud_On_Indian_Force

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© ® सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
अप्रैल ०५, २०१९

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